सुर को अगर साध लिया जाए तो यह जीवन भी सुरीला हो जाएगा....के .सी.मालू

सुर संगम का तीन दिवसीय राष्ट्रीय युवा समारोह शुरू जवाहर कला केन्द्र में देश के विभिन्न भागों से आए प्रतियोगियों ने दिखाया हुनर शनिवार को शाम 6.30 पद्मश्री पिनाज़ मसानी और बॉलीवुड म्यूज़िक कंपोज़र दीपक पंडित देंगे प्रस्तुति

सुर को अगर साध लिया जाए तो यह जीवन भी सुरीला हो जाएगा....के .सी.मालू

अनन्य सोच, जयपुर।  जवाहर कला केंद्र रंगायन सभागार में शुकवार को सुर संगम संस्थान के 33वें  राष्ट्रीय युवा संगीत समारोह का आगाज़ हुआ। तीन दिवसीय समारोह में  देश के अलग-अलग शहरों से आए प्रतियोगियों ने दिनभर सुगम गायन, फिल्मी और लोक गीतों में अपने हुनर का प्रदर्शन किया। यह सभी प्रतियोगी इस प्रतियोगिता की चयन प्रक्रिया से गुजरते हुए यहां तक पहुंचे।

कार्यक्रम के प्रारंभ से पहले सुर संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के.सी.मालू ने सभी प्रतियोगियों को संबोधित करते हुए कहा कि सूरों को अगर साध लिया जाए तो जीवन अपने आप ही सुरीला हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज इस प्रतियोगिता में सिर्फ सुरों का संगम ही नहीं बल्कि हम एक दूसरे से कुछ सीखेंगे तो कुछ सिखाएंगे और नये दोस्त बनाएंगे। कोई बनारस से आया है तो कोई लखनऊ से कोई मुंबई की खुशबू लाया हैं तो कोई दिल्ली की। कई शहरों से यहां प्रतियोगी अपनी आवाज का जादू बिखेरने आए हैं।
 
करीब चार घंटे चली प्रतियोगिता में जानी-मानी शास्त्रीय गायिका मुंबई की डॉ. अनुराधा प्रकाश, जोधपुर की डॉ. स्वाति शर्मा, मुंबई की डॉ. चेतना पाठक और म्यूज़िक कंपोज़र दीपक माथुर प्रतियोगियों को गुणवत्ता की कसौटी पर परखा और बीच-बीच में उनका मार्गदर्शन भी किया।
 
प्रतियोगिता की शुरुआत ममता कुमारी ने ‘देश वीराना है, नहीं रहना’ गीत से की। उसके बाद सभी प्रतिभागी बड़े उत्साह से अपने गायन की प्रस्तुति दी।  भव्य गौतम ने ‘मैं ख्याल हूं किसी और का’, बनारस के देवेंद्र झा ने ‘हुई है शाम तो आंखों में बस गया तू’ ग़ज़ल सुनाते हुए निर्णायकों को काफी प्रभावित किया। जज ने उनकी आवाज में एक भजन और सुना। वहीं आगरा की प्रयंका सहवाग ने भजन ‘प्रभु जी मोरे अवगुण चित ना धरो’ की बेहतरीन प्रस्तुति से श्रोताओं को मोहित कर दिया।
इसके बाद लखनउ की श्रेया पांडे, जागृति शर्मा सहित दो दर्जन से भी अधिक प्रतियोगियों ने अपनी हुनर की छाप छोड़ी। कलाकारों के साथ हारमोनियम पर पुखराज शर्मा, की-बोर्ड पर कमल बियानी, तबले पर गुलाम हुसैन और ढोलक पर लियाकत अली ने संगत की।
 
शनिवार के समारोह का आकर्षण होंगे पद्मश्री पिनाज़ मसानी और दीपक पंडित

सुर संगम के महासचिव मुकेश अग्रवाल ने बताया कि समारोह के तहत शनिवार को सुबह 10.00 बजे से शास्त्रीय और उप शास्त्रीय संगीत की प्रतियोगिताएं होंगी जो दिनभर चलेंगी। कल के निर्णायकों में पद्मश्री पिनाज़ मसानी और बॉलीवुड के म्यूज़िक कंपोज़र/अरेंजर दीपक पंडित भी होंगे। शाम 6.30 बजे केन्द्र के रंगायन में ही पद्मश्री पिनाज़ मसानी गायन और दीपक पंडित वॉयलिन वादन की प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर प्रवेश निःशुल्क रहेगा।