वैशाख माह में रहेगा दान-पुण्य पर जोर, प्याऊ-वाटर कूलर लगा कमाएंगे पुण्य

वैशाख माह में रहेगा दान-पुण्य पर जोर, प्याऊ-वाटर कूलर लगा कमाएंगे पुण्य

Ananya soch: In the month of Vaishakh, there will be an emphasis on charity and virtue, you will earn virtue by installing drinking water stalls and water coolers

अनन्य सोच। हिंदी पंचांग का दूसरा मास वैशाख रविवार 13 अप्रैल से शुरू होकर 12 मई को समाप्त होगा. इस मास में माह में दान,जप-तप और श्री हरि भक्ति का विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इस मास का धार्मिक दृष्टि से बहुत अधिक महत्व है। यह मास व्यक्ति के पापों को मुक्त करने में सर्मथ है. इस मास में सूर्योदय से पहले नित्य कर्म करके भगवान श्री हरि की आराधना करने के बाद दान-पुण्य करने, संयम पूर्वक रहने से व्यक्ति के समस्त प्रकार के पापों का नाश तो होता ही है इसके साथ ही श्री हरि का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. गौरतलब है कि इस बार संवत का राजा और मंत्री दोनों सूर्य बने है जिसके चलते इस बार गर्मी और लू अधिक रहने से आमजन परेशान रहेगा. पुराणों में वैशाख मास के बारे में महत्व बताया गया है कि वैशाख के समान कोई मास नहीं है. सतयुग के समान को युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा जी के समान कोई तीर्थ नहीं है. स्कंद, महाभारत,पद्य पुराण, निर्णय सिंधु ग्रंथ में वैशाख महीने का बहुत अधिक महत्व बताया गया है. यह भगवान विष्णु का पसंदीदा महीना बताया गया है. वैशाख के महीने में प्याऊ लगाना, जल से भरे मटके, अन्न और फलों का दान,पंखे कपड़ा, पशु-पक्षीयों के लिए जल एवं दाने की व्यवस्था करने के साथ छायादार वृक्ष,जरूरतमंदों को फल, अन्न, छाता जूते-चप्पल दान करने से दस हजार राजसूय यज्ञ करने के समान फल मिलता है. इसी महीने में भगवान विष्णु ने भी कई अवतार लिए थे. इस महीने में संयम, अहिंसा, आध्यात्मिक स्वाध्याय और जनसेवा पर ध्यान देना चाहिए. इस पूरे मास धूम्रपान, मांसाहार, मदिरापान, पर निंदा जैसी बुराइयों से भी बचना चाहिए.