कई देशों में दिवाली की रोशनी म्यूजिक से बिखेरेगा जयपुर का धोद बैंड
Entertainment desk. 117 देशों में 2500 से ज्यादा दे चुके प्रस्तुतियां, रहीस भारती कर रहे ग्रुप का निर्देशन
Ananya soch: Jaipur's Dhod Band
अनन्य सोच। Jaipur's Dhod Band: राजस्थान से रहीस भारती और उनके धोद बैंड को यूरोप और अफ्रीका में प्रतिष्ठित दिवाली उत्सव कार्यक्रमों में प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया गया है। खास तौर पर प्रवासी भारतीयों के लिए ये कार्यक्रम होंगे. दिवाली से जुड़ा यह उत्सव फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, इटली और गिनी-बिसाऊ, अल्जीरिया के ओपेरा हाउस में भारतीय दूतावासों और मंत्रालयों के सहयोग से होंगा. इस ग्रुप का नेतृत्व प्रसिद्ध तबला वादक रहीस भारती कर रहे हैं और वे पिछले 24 वर्षों से धोद समूह के जरिए राजस्थानी संस्कृति को दुनियाभर में पहुंचा रहे हैं. इन्होंने 117 देशों में अब तक प्रस्तुतियां दी है.
रहीस भारती ने बताया कि आगामी दिनों में हमारा ग्रुप स्विट्जरलैंड, इटली, फ्रांस और फिनलैंड में मंचों की शोभा बढ़ाएगा, जो भारत और इन देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आदान-प्रदान को चिह्नित करेगा. प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में शामिल पेरिस में साउथवेस्ट थिएटर जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करना और हेलसिंकी में सुओमी-इंटिया सेउरा (फिनिश-भारतीय समाज) की 75वीं वर्षगांठ समारोह में प्रदर्शन करने के अलावाफिनिश शहरों में और फ्रांस में लॉजेन, जिनेवा, बर्न, फ्लोरेंस, इटली, पेरिस, मार्सिले, ब्रिलार्ड और विलेन्यूवे में प्रदर्शन करना शामिल है.
राजस्थान के सीकर जिले के एक छोटे से गांव धोद से ताल्लुक रखने वाले भारती ने अपनी कलात्मक यात्रा के लिए 24 साल से अधिक समय समर्पित किया है, जिसमें दुनिया भर में 2,500 से अधिक प्रस्तुतियां शामिल हैं. उनके प्रयासों ने राजस्थान के जीवंत संगीत, नृत्य और परंपराओं को वैश्विक मंच पर पहुंचाया है। जिससे दर्शकों और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बीच गहरा संबंध स्थापित हुआ है। रहीस भारती और धोद राजस्थान के एकमात्र अनोखे ऐतिहासिक बैंड हैं, जो पिछले 24 वर्षों से हर साल 6 से 7 महीने तक लगातार दौरा करते हुए भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं.
रहीस पर मार्टिन ने लिखी बुक
प्रिक्स रेनॉडॉट विजेता मार्टिन ले कॉज ने अपनी पुस्तक ले कोइर बैटेंट डू राजस्थान में रहीस भारती के धोद, राजस्थान से लेकर राजस्थानी लोक संगीत के वैश्विक राजदूत बनने तक के प्रेरक सफर को लिखा है। 180 पन्नों की यह पुस्तक भारती के राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रति समर्पण और संगीत के माध्यम से दुनिया को जोड़ने के उनके मिशन को दर्शाती है.
रहीस ने बताया कि साल 2000 में वे पहली बार फ्रांस पहुंचे और वहां से उसकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया. उसने अकेले दम पर ‘धोद’ नाम से एक बैंड बनाया और धीरे-धीरे राजस्थानी संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया. रहीस 700 से ज्यादा कलाकारों के साथ 117 देशों में 2500 से ज्यादा कॉन्सर्ट कर चुके हैं। रहीस यहां से ऐसे कलाकारों को अपने साथ यूरोप लेकर जाते हैं, जो यहां शादी-विवाह जैसे मांगलिक अवसरों पर गाते-बजाते हैं.