धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले, हम प्राय: कम रो पाते है। हमारी आंखों में आंसू इसलिए नहीं आ पाते क्योंकि हमें कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाई पड़ता

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले, हम प्राय: कम रो पाते है। हमारी आंखों में आंसू इसलिए नहीं आ पाते क्योंकि हमें कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाई पड़ता

Ananya soch

अनन्य सोच। जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में सालासार बालाजी धाम गौशाला और विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 1394वीं रामकथा के आठवें दिन बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा स्थल पहुंचे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र के जयकारे के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा- आज हमारे बड़े ही सौभाग्य का दिन है कि हमें अपने नेत्राें से उन महापुरुष के दर्शन हो रहे है जो सिंह की तरह गर्जना करके सनातन धर्म के पताका को पूरे विश्व में लहरा रहे हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा- हम प्राय: कम रो पाते है। हमारी आंखों में आंसू इसलिए नहीं आ पाते क्योंकि हमें कश्मीरी पंडितों का दर्द दिखाई पड़ता। बांग्लादेशी हिंदुओं का दर्द दिखाई पड़ता। नूंह मेवात बहराईच, मणिपुर की घटनाओं का दर्द दिखाई पड़ता। इसलिए हमारी आंखों में आंसूओं से ज्यादा उन धर्म विरोधीओं को बखेरने के लिए खून खौलता रहता है.

उन्होंने कहा- बड़े- बड़े धर्मविरोधी कहते थे तुम्हारे सनातन धर्म में क्या है। हमसे बहुत लोग पूछते है बाबा चमत्कार क्या है। लेकिन अब हम भी बहुत होशियार हो गए है हम भी उनसे कह देते है पहले हमारे गुरु जी से तो निपट लो। हमारे गुरदेव भगवान के चमत्कार ही हमारा चमत्कार है। हमारे गुरदेव भगवान के विद्या का प्रभाव ऐसा पड़ा कि भारत के कोने-कोने का हिंदू जाग रहा है। हम तो आप सबके दर्शन करने आए है।

अभी मैं भीलवाड़ा में भी कथा करके गया। वहां तीन लाख लोगों ने आकर कथा सुनी। धन्य है जयपुर जहां गोविंद देवजी है। धन्य है राजस्थान जहां सालासर बालाजी है, मेंहदीपुर बालाजी है। धन्य है जयपुर के निवासी जो हमेशा सनातन धर्म के लिए आयोजन करवाते रहते है। लेकिन बुरा मत मानना एक बात कह रहा हूं। अब हम सबको घर से बाहर निकलना पड़ेगा। आवाज को मुखर करना पड़ेगा। पहले लोग खुद को हिंदू कहने में डरते थे। डरते थे कि कहीं धर्मविरोधी उपद्रव न कर देवे। मार न डाले। अब हम लोगों को हिंदूओं का न जगाना है न बचाना है। अब तो नया नारा देना है 'छेड़ोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा. तभी काम चलेगा. 

तथाकथित शंकराचार्य ने धारा 370 को फिर से लागू करने की मांग की धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर कटाक्ष करते हुए कहा- हमें तो यह पता था कि विदेशी ताकते धर्मविरोधी होती है। वर्तमान में धर्म विरोधी ताकतें हमारे देश में ही है। कुछ तो ऐसे भी धर्मविरोधी है जो राष्ट्रद्रोही है। राष्ट्र के खिलाफ बातें करते रहते है। उन्हें संत कहे कि क्या कहे। एक तथाकथित शंकराचार्य है। वो कहते है धारा 370 को फिर से लागू किया जाए। मतलब वो भारत को पाकिस्तान बनवाना चाह रहे है। हम स्पष्ट रूप से कह रहे है भारत को भारत रहने दिया जाए।

आप बताएं धारा 370 हटनी चाहिए थी कि नहीं? आप चाहते हो क्या धारा 370 वापस आ जाए। लेकिन एक लोग है जो कहते है कि वापस आ जाए। अच्छा वो शंकराचार्य भी है। मतलब वो देश को बनाना क्या चाहते है। हमारे गुरूजी ने बता दिया है वो शंकराचार्य नहीं है। उनका मुकदमा अभी कोर्ट में चल रहा है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा अब हम सबको जागना है। अंधविश्वासों पर विश्वास नहीं करना है। तुम मेरे पर भी भरोसा मत करो। लेकिन हम सबको गुरदेव की बात मानते हुए हिंदुत्व पर भरोसा करना है। केवल हिंदू नहीं बनना है। कट्‌टर हिंदू बनना है।

अपने शहर को मणिपुर-बांग्लादेश बनाना चाहते हो?

हमने यह प्रण किया है जो कोई भी मेरे गुरदेव के खिलाफ या राष्ट्र के खिलाफ या सनातन धर्म के खिलाफ बोलेगा, सभी रामानंदी, सभी संप्रदायों के संत-महंत आचार्य के साथ मिलकर एक नया नारा देंगे कि "छेड़ोगे तो छोड़ा नहीं जाएगा"। इसलिए भारत के लोगों से जयपुर के लोगों से पूछना चाहते है कि क्या आप फिर से कश्मीरी पंडितों जैसा हाल देखना चाहते हो। क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारी बहन बेटी की तरफ लव जिहाद की दृष्टि से नजर डाले। क्या तुम अपने प्रदेश को, अपने शहर को मणिपुर, बांग्लादेश बनाना चाहते हो। एक बार ध्यान रखना बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार हुआ तो वे भारत आ गए। लेकिन कभी विचार करना कि भारत के हिंदुओं पर अत्याचार होगा तब तुम कहां जाओगे।

लेकिन हमको जाना नहीं है। अब हमको भगाना है। उसका उपाय हमसे पूछो। ताली निकालने से और हंसने से हिंदू नहीं बचेगा। अपनी हिंदुओं की ताकत को तुम्हें दिखाना पड़ेगा। उनमें से एक मौलान तौकीर रजा है। वो कहता है कि हम सड़काें पर निकलेंगे तो रूह कांप जाएगी। हमने उनसे कहा है कि हम सड़कों पर निकलेंगे तो तुम्हारी भूह कांप जाएगी। अब उनको ये बताना पड़ेगा तभी ये मानेंगे। जो जैसा होगा उसे वैसा जवाब देना पड़ेगा।

लोग कहते है कि बाबा तुम भड़काने की बात करते हो। मैं कहता हूं मैं भड़काने की नहीं जगाने की बात करता हूं। अगर आज नहीं जागे तो पश्चिम बंगाल में जो हालात है वह सबको पता है। श्रद्धा का मर्डर हो गया सबको पता है। तुम्हारे ही राजस्थान में हिंदुओं के रहते हुए इस राजस्थान का दुर्भाग्य है कि आठवीं नौवी में पढ़ने वाले आदर्श और हेमराज को चाकूओं से गोदकर मार डाला। कन्हैयालाल दर्जी को मार डाला। तुम्हारे मंदिरों में मस्जिदों को बना दिया। तुम्हारे ही भीलवाड़ा में गाय माता की पूंछ को काटकर हनुमान जी को चढ़ा दिया। यह हिंदुओं के सोए हुए का परिणाम है।

लोग कहते है आप नफरत फैलाते है

लोग कहते है आप सिर्फ हिंदु मुसलमान करते है। सच ये है कि हम सिर्फ हिंदू हिंदू करते है। इसलिए अब हमलोगों को अब जागना है भागना नहीं है। हम सब हिंदू एक है। हिंदुओ के एक होने का उपाय है "जात पात की करो विदाई हम सब हिंदू भाई भाई"।

हमने यह विचार किया है कि हवाई जहाज और चिलगाड़ी से हिंदू धर्म नहीं बचना है। मंचों पर केवल बड़े-बड़े लोग आ पाते है वो नहीं आ पाते है जो समाज में सबसे पिछड़े होते हे। अब हमने प्रण किया है कि जिनको हम मंचों पर नहीं बुला पाते। उनके लिए हम गांव गांव जाकर उनको गले लगाएंगे। गुरदेव रामभद्राचार्य जी से आशीर्वाद लेकर 50 हजार हिंदू 160 किमी की पदयात्रा करने जा रहे है। अब हम लोगों को एकता का बल दिखाना पड़ेगा। लोग कहते है आप नफरत फैलाते हो। हम सच बोले- हम नफरत नहीं प्रेम के आदी है पर गर्व से कहते है हम हिंदुत्व वादी है। हम नफरत के आदी नहीं है।

गलता पीठ के बारे में बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री बोलें- मुझे यहां आकर पता लगा जिससे मुझे अच्छा नहीं लगा। गलता गद्दी रामानंदियों की है। रामानंद संप्रदाय के ही आचार्य वहां गुरदेव रामभद्राचार्य की प्रेरणा से बैठेंगे। उसके लिए हम सब संत समाज मिलकर प्रयत्न करेंगे।

युवाओं तुम किसी के पीछे सेल्फी लेने के लिए पागल मत बनो

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने युवाओं के लिए कहा- तुम किसी के पीछे सेल्फी लेने के लिए पीछे मत पड़ो। हमारी प्रार्थना है कि ऐसा करियर मत बनाओ की तुम्हें दूसरों के पीछे सेल्फी लेने के लिए पागल हाेना पड़े। ऐसा करियर बनाओ की लोग तुम्हारे पीछे सेल्फी लेने के लिए पीछे आए। इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। सब कुछ पाया जा सकता है। आज से 20 साल पहले लगता था कि राम मंदिर कभी नहीं बनेगा। बन गया। जो कहते थे कि राम मंदिर बनेगा तो ईंट से ईंट बजा देंगे। उनके खुद की ईंट बज गई।

कथा में शामिल होने आए सीएम भजनलाल शर्मा से रामभद्राचार्य ने कहा- अब तक मुख्यमंत्री भोजनलाल होते थे अब भजनलाल है। मैं आपके शपथ ग्रहण में भी आया था। मैंने उससे पहले ही ऊपर वालों से कह दिया था कि इस बार राजस्थान की सत्ता ब्राह्मण को दि जाए। लोगों ने कहा वसुंधरा नाराज होगी। तो फिर मैंने उनसे कहा कि मैं उनके ही मुख से कहलवा देता हूं। 

मुख्यमंत्री से उन्होंने कहा कि गलता गददी रामानंदियों की है। इस पर कोर्ट ने भी फैसला दे दिया है। इसलिए इसे जल्दी से कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर हमें दे दी जाए।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा- गुरू जो कहता है वो बात पूरी होगी। यहां आने की इच्छा कई दिनों से थी लेकिन चुनाव में व्यस्त होने के कारण नहीं आ पाया। जिस तरीके से अयोध्या में भव्य मंदिर बनवाने में रामभद्राचार्य महाराज का योगदान रहा है। वैसे ही राजस्थान की जनता पर भी गुरू का आशीर्वाद बना रहे।  हमने भी राजस्थान के मंदिरों के निर्माण पर करोड़ो रूपए खर्च करने का प्रस्ताव बनाया है। 

आयोजक सालासार बालाजी धाम के रविशंकर पुजारी, राजन शर्मा, अनिल संत ने सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि कल कथा का अंतिम दिन है। जिसमें राज्याभिषेक प्रसंग सुनाएं जाएंगे एवं कथा का समापन भी होगा। कथा में शामिल होने के लिए सीएम समेत कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत, पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद ,विधायक बालमुकुंदाचार्य  सहित कई प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी मौजूद रहे।