Muni Pranamya Sagar Maharaj: मुनि प्रणम्य सागर महाराज ने किया वाचन

Ananya soch: Muni Pranamya Sagar Maharaj

अनन्य सोच। Muni Pranamya Sagar Maharaj: संत शिरोमणि आचार्य 108 विद्यासागर महामुनिराज के शिष्य अर्हम योग प्रणेता मुनि प्रणम्य सागर महाराज के मुखारबिन्द से पार्श्वनाथ पुराण का वाचन किया गया. जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ की कथा सुनाई गई. कथा के दौरान सजीव पात्रों ने मनमोहक अभिनय कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया  इस मौके पर मुनिश्री ने प्रवचन में कहा, कि न्याय करते समय अपने पराए का भेद नहीं होना चाहिए. अगर अपने पराए में भेद किया जाता है तो उसे न्याय नहीं कहेंगे. इस मौके पर मुनिश्री द्वारा श्रद्धालुओं को अर्हम ध्यान योग के अन्तर्गत अरिहंत परमेष्ठी का ध्यान कराया गया.