प्रदेश में संरक्षित वन क्षेत्र बढ़कर 3.92 प्रतिशत हुआ
2023-24 में 80 हजार हैक्टर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जाएगा, ट्री आउट साइड फोरेस्ट इन राजस्थान योजना के तहत 5 करोड़ पौधों का होगा वितरण, राज्य में 15 स्थानों को किया इको सेंसेटिव जोन घोषित -वन एवं पर्यावरण मंत्री
अनन्य सोच, जयपुर। वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार वनों के महत्व को लेकर सजग है और राज्य में वन, पर्यावरण एवं वन्य जीवों की रक्षा के लिए निरतंर प्रयत्नशील है। चौधरी बुधवार को विधानसभा में वन एवं पर्यावरण विभाग की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने वन एवं पर्यावरण विभाग की 16 अरब 78 करोड़ 24 लाख 36 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 9.7 प्रतिशत वन क्षेत्र है। सरकार द्वारा नई वन नीति का अनुमोदन कर 20 प्रतिशत भूमि को वन अच्छादित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। वन मंत्री ने अवगत कराया कि वर्ष 2022- 23 में 56 हजार 410 हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जा चुका है तथा वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागीय योजनाओं में 80 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण कराया जाएगा। वर्ष 2018 में राज्य के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.91 प्रतिशत क्षेत्र संरक्षित वन क्षेत्र के अन्तर्गत था, जो वर्तमान में बढ़कर 3.92 प्रतिशत हो गया है। वन मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 9 नये कन्जर्वेशन रिजर्व घोषित किये गये हैं। रणथम्भोर, सरिस्का एवं मुकुन्दरा टाइगर हिल्स के बाद रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही धौलपुर में एक टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चौधरी ने बताया कि वन क्षेत्रों के बाहर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों, जन सहयोग से ट्री आउट साइड फोरेस्ट इन राजस्थान नाम से वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में 5 करोड़ पौधे तैयार कर वितरित किये जाएगें।