राग-रागिनियों पर आधारित गीतों से सजा मदन मोहन की दिलकश रचनाओं का संसार
सी. ए. रोहित कटारिया और डॉ. आकांक्षा ने तैयार की गानों की विशेष श्रंखला।
Ananya soch
अनन्य सोच। जयपुर का महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम रविवार की शाम भारतीय शास्त्रीय संगीत के राग चारूकेशी, दरबारी, यमन, किरवानी और भैरवी जैसे राग-रागनियों के सौन्दर्य तत्व से निखर उठा. मौका था सिंगर रोहित कटारिया और डॉ. आकांक्षा दवे की ओर से तैयार किए गए राग आधारित फिल्मी गीतों के विशेष कार्यक्रम ‘रागाज ऑफ मदन मोहन’ की प्रस्तुति का. महान संगीतकार मदन मोहन की 100वीं जयंती पर कार्यक्रम में सांगीतिक गुरू चंद्र कटारिया के लाइव बैंड निर्देशन में 15 राग-रागिनियों पर आधारित 25 फिल्मी गीतों का गुलदस्ता पेश कर संगीत प्रेमियों का दिल जीत लिया. खास बात रही, कि ये सभी गीत महान संगीतकार मदन मोहन की रचनाएं थीं। म्यूजिकल इंफोटेनमेंट से परिपूर्ण प्रोग्राम की यू-ट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग की गई.
इन गीतों की प्रस्तुति रही खास:
कार्यक्रम की शुरूआत मदन मोहन के गीतों से निकली धुनों के थीम म्यूजिक से किया गया, जिसका अरेंजमेंट पवन कुमार जैन ने किया. इसके बाद रोहित ने फिल्म हंसते जख्म का राग भीमपलासी आधारित गीत तुम जो मिल गए हो... को दिलकश अंदाज में पेश कर कार्यक्रम की रूहानी शुरूआत की. आकांक्षा ने रोहित के साथ मिलकर फिल्म वो कौन थी का दिलकश गीत ‘नयना बरसे रिमझिम रिमझिम’ पेश किया जो राग बिहाग, खमाज और किरवानी के स्वरों से सजा था. चंद्र कटारिया ने फिल्म परवना में किशोर कुमार का गाया गीत ‘सिमटी सी शरमाई सी किस दुनिया से तुम आई हो’ को शोख अंदाज में प्रस्तुत कर संगीत प्रेमियों की जमकर दाद बटोरी.
इन तीनों गीतों के बाद तीनों कलाकारों ने इसी दिलकश अंदाज में एक के बाद एक मदन मोहन रचित 25 गीत प्रस्तुत किए.
कार्यक्रम में की बोर्ड पर रवि टिलवानी और पवन कुमार जैन, ऑक्टोपैड पर दीपू सोलंकी, लीड गिटार पर डैनी डेविड, बेस गिटार पर सुनील कुमार, ढोलक पर महेंद्र शर्मा और तबले पर गुलाम गोस ने संगत की. कार्यक्रम में एकल और युगल गीतों के अलावा एक ही राग पर आधारित विभिन्न गीतों का मेडले सुनने योग्य रहा. कार्यक्रम का संचालन गौरव शर्मा ने किया. इस मौके पर रोहित कटारिया के संगीत गुरु ग्वालियर घराने के डॉ. गिरीन्द्र तलेगांवकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे उनका सम्मान किया गया.