योग आत्मविकास का सबसे बड़ा माध्यम है- राज्यपाल

 अनन्य सोच, जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने नई पीढ़ी को आधुनिक जीवन शैली से जुड़े दुष्प्रभावों से बचाने के लिए यौगिक दिनचर्या से जोड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि योग आत्मविकास का सबसे बड़ा माध्यम है, भौतिकता के दौर में मानसिक शांति एवं संतोष के लिए योग सर्वथा उपयोगी है।

राज्यपाल शनिवार को जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शिलापट्टिकाओं का अनावरण कर योगसाधना भवन का लोकार्पण और संविधान पार्क एवं वैज्ञानिक आधार पर तैयार करवाई जा रही नवग्रह-नक्षत्र वाटिका का शिलान्यास किया। राज्यपाल ने कहा कि संस्कृत हमारे देश की गौरवमयी संस्कृति और भारतीयता के मूल से जुड़ी भाषा है। विश्वभर के ज्ञान-विज्ञान और दर्शन का महत्वपूर्ण और सूक्ष्म ज्ञान संस्कृत में ही उपलब्ध है। उन्होंने संस्त भाषा के आधुनिक विकास के लिए सभी से मिलकर कार्य करने की आवश्यकता जता। संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि विश्व में भारत देश की प्रतिष्ठा संस्कृत और हमारी संस्कृति से ही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए राज्य सरकार व्यापक स्तर पर प्रयास कर रही है।

सांसद रामचरण बोहरा ने विश्वविद्यालय में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए सांसद निधि से पचास लाख रुपए देने की घोषणा की। विधायक श्रीमती गंगादेवी ने कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय परिसर की चारदीवारी के निर्माण के लिए विधायक निधि से बीस लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की।