play Abhigyan Shakuntalam: नाटक अभिज्ञान शकुंतलम में दिखा प्रेम, प्रकृति और नियति का उत्कृष्ट मिश्रण

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play Abhigyan Shakuntalam: नाटक अभिज्ञान शकुंतलम में दिखा प्रेम, प्रकृति और नियति का उत्कृष्ट मिश्रण

Ananya soch: play Abhigyan Shakuntalam

अनन्य सोच। play Abhigyan Shakuntalam: रवींद्र मंच के मुख्य सभागार में नाटक अभिज्ञान शकुंतलम (Abhigyan Shakuntalam) का मंचन हुआ. सूफियाना सूफी के निर्देशन में हुए इस नाटक में करीब 15 कलाकारों ने किरदार निभाए. नाटक ने शकुंतला के माध्यम से प्रकृति के संरक्षण और वर्तमान समय में जयवायु परिवर्तन के सुझाव भी देते हुए नज़र आया. "अभिज्ञान शाकुंतलम" प्रसिद्ध भारतीय कवि और नाटककार कालिदास की एक कालजयी कृति है. संस्कृत में लिखा गया यह नाटक प्रेम, प्रकृति और नियति का उत्कृष्ट मिश्रण है. यह शकुंतला की मनमोहक कहानी बताती है, जो ऋषि कण्व द्वारा जंगल में पली-बढ़ी एक खूबसूरत लड़की है, और राजा दुष्यन्त को उससे प्यार हो जाता है. नाटक भारतीय जंगल की सुंदरता और मानवीय भावनाओं की जटिलता को प्रदर्शित करते हुए प्रेम, अलगाव और अंततः पुनर्मिलन के विषयों की पड़ताल करता है. कालिदास की काव्यात्मक क्षमता गीतात्मक संवादों और जीवंत विवरणों में स्पष्ट है जो पात्रों और प्राकृतिक दुनिया को जीवंत बनाते हैं. 

-इन्होंने किया मंच पर अभिनय

नाटक में विदूषक– द्रविल छावड़ा, राजा दुष्यंत– गौरव निर्वाण, सारथी– अमन शर्मा, तपस्वी– लोकेश वर्मा, शकुंतला– सुरभि सोनी, अनुसूया– पूजा वर्मा, प्रियम्वदा– रेणु राजपूत, नटी – अक्सा, गौतमी– नेहा बुटोलिया, तपस्वनी– नंदनी, सेनापति– जतिन जायसवाल, सैनिक–गुरु कुमावत, धीवर–विकास मीणा, सर्वदमन– अर्श, ऋषि कण्व – विजयमिश्र दानिश, प्रकाश संयोजन– शहजोर अली, गायन/संगीत– डा. भूमिका अग्रवाल, वेशभूषा– सुरभि सोनी, रिकॉर्डेड म्यूजिक– हिमांशु, रुपसज्जा–कशिश तिवारी, सेट–रंगजुंबिश टीम, प्रोग्राम संयोजक– आर. डी. अग्रवाल और निर्देशक– सुफियान सूफ़ी ने किया.