Kathak Dance: बाल व युवा कलाकारों ने आकर्षक फुटवर्क और आंगिक-भंगिमाओं से छलकाया कथक का लालित्य
Ananya soch: Kathak Dance
अनन्य सोच। Kathak Dance: अनेक बाल व युवा कलाकारों ने लय, ताल के साथ आकर्षक फुटवर्क और आंगिक-भंगिमाओं के बेहतरीन संयोजन से जयपुर घराने के परंपरागत कथक नृत्य का लालित्य छलका दिया. शास्त्रीनगर स्थित संगीत आश्रम संस्थान के दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत समारोह के पहले दिन मंगलवार को संस्थान परिसर में कथक नृत्य संध्या संजोई गई. कार्यक्रम में 13 बाल व युवा कलाकारों ने रियाज और तकनीकी पक्ष का उम्दा प्रदर्शन करते हुए अपने गुरु के सबक को साकार किया. इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण से हुई. नृत्य गुरु संजीव कुमावत के निर्देशन में बाल कलाकारों चार्वी अग्रवाल, दजशी शिवानी, हिनायशा दुसाद, वाणी और एकांक्षी कुमावत ने तीन ताल में रंगमंच प्रणाम, ठाठ, आमद, परन आमद, तिहाई, चक्करदार तोड़े का सलोना प्रदर्शन कर प्रशंसा बंटोरीी. कलाकार भावना व्यास, खुशबू, आध्या राठी, नित्या अग्रवाल और परी बत्ता झपताल में कवित्त की रचना मुरली की धुन सुन...पर नयनाभिराम भाव-भंगिमाओं से मोह लिया। कार्यक्रम में हिरण्या तुलस्यान, इशिता और अक्षिता जैन ने तीन ताल में नजाकत व नफासत के साथ कथक की प्रस्तुति दी. कार्यक्रम में पढ़ंत पर संजीव कुमावत और हारमोनियम पर सुलेमान ने संगत की. संचालन वनिता हीरानी ने किया। संगीत संस्थान आश्रम के सचिव अमित अनुपम ने बताया कि समारोह के दूसरे दिन बुधवार को संगीत के स्टूडेंट शास्त्रीय संगीत की राग-रागिनियों के सुर साधेंगे.