छठे वार्षिकोत्सव में बच्चों ने संगीत, नृत्य, नाटक और प्रेरक भाषणों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया

छठे वार्षिकोत्सव में बच्चों ने संगीत, नृत्य, नाटक और प्रेरक भाषणों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया

Ananya soch: 

अनन्य सोच।  स्कूल के वार्षिकोत्सव में छात्रों ने अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए संगीत, नृत्य, नाटक और प्रेरक भाषणों का सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया. उत्सव की शुरुआत ‘‘जेपीजीएस सिम्फनी‘‘ द्वारा एक मधुर ऑर्केस्ट्रा प्रदर्शन के साथ हुई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह अवसर था शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध, जयश्री पेडीवाल ग्लोबल स्कूल के छठे वार्षिक उत्सव का. विद्यालय के सीईओ आयुष पेडीवाल और अकादमिक निदेशक आकृति पेडीवाल ने अपने दूरदर्शी विचारों और शिक्षा के प्रति अपने जुनून को साझा करते हुए एक प्रेरणादायक भाषण दिया। इसके साथ ही विद्यालय रिपोर्ट पढ़ी गई. कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विद्यालय के गायन समूह ने अपने सामंजस्यपूर्ण गीतों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम की श्रृंखला में ही सांस्कृतिक प्रमुख (आनवी, त्रिशान, विवान, अभ्या, द्रविका, सक्षम) ने प्रेरणादायक शब्दों से हमारे गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य को जोड़ने वाली कड़ी बताया. 

पुरस्कार वितरण समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को विद्यालय अध्यक्षा डॉ. जयश्री पेडीवाल, सीईओ आयुष पेडीवाल एवं प्रधानाचार्या मंजू खोसला द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ. जयश्री पेडीवाल ने अपने संबोधन में नन्हें सितारों की समग्र शिक्षा और मूल्यों के महत्व पर जोर दिया. शाम का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा प्रस्तुत ‘‘थीम नृत्य‘‘ था, जिसमें बैले, रतन टाटा, राज कपूर, कथक और सम्राट अशोक जैसी प्रस्तुतियां शामिल थीं. 

जादुई दुनिया के बादशाह अलादीन नाटक के मंचन के साथ , ‘‘नाटकीय नृत्यों‘‘ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जिसमें मशल्लाह, आदि प्रदर्शन शामिल थे. हास्य, रोमांच और शानदार प्रदर्शनों से भरपूर इन प्रस्तुतियों ने सभी को मोहित कर दिया। छात्र एवं छात्रा प्रतिनिधि (अव्यान, मनोग) ने कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया. प्रधानाचार्या मंजू खोसला ने स्कूल की प्रतिबद्धता और भविष्य की योजनाओं पर बात की, जिसमें छात्रों के समग्र विकास और शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने पर जोर दिया गया. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिसने देशभक्ति और एकता की भावना को जगाया.