प्रयास ऐसी चीज है जो कहीं ना कहीं मुकाम पर ले जाती है - हुसैन बंधु
भारतीय संगीत को समर्पित देश की पहली ई-पत्रिका ‘संगीत वंदन’ के मौके पर उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन ने व्यक्त किए उद्गार
अनन्य सोच, जयपुर। हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित हुए ग़ज़ल गायक उस्ताद अहमद हुसैन और उस्ताद मोहम्मद हुसैन का कहना है कि प्रयास ऐसी चीज़ है जो व्यक्ति को कहीं न कहीं मुकाम पर ले जाती है। ये बात हुसैन बंधुओं ने राजस्थान संगीत संस्थान की असिसटेंट प्रोफेसर वंदना खुराना द्वारा देश में पहली बार शुरू की गई भारतीय संगीत को समर्पित ई-पत्रिका ‘संगीत वंदन’ के लोकार्पण के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि ‘जो अपने फिक्र को उंची उड़ान देते हैं खुदा भी उनको खुला आसमान देता है’। ये खुशी का विषय है कि एक संगीतज्ञ ने भारतीय संगीत पर आधारित ई-पत्रिका की शुरूआत की है। इससे पूर्व हुसैन बंधुओं, वरिष्ठ संगीतज्ञ प्रो. प्रेम दवे, राजस्थान संगीत संस्थान की प्राचार्य डॉ. वसुधा सक्सेना और संस्थान के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव जैन ने ई-पत्रिका के मुखपृष्ठ का विमोचन करने बाद संपूर्ण पत्रिका की वेब साइट लॉन्च की।
भारतीय संगीत को समर्पित देश की पहली ई पत्रिका
संगीत वंदन की प्रधान संपादक वंदना खुराना ने बताया कि यह एक द्विभाषीय (हिंदी व अंग्रेज़ी ) मासिक होगी जिसमें पाठकों को सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय संगीत से जुड़ी बातें पढ़ने को मिलेंगी। संपूर्ण रूप से संगीत को समर्पित यह देश की पहली ई-पत्रिका होगी। इसमें विषय विशेषज्ञों ,कलाकारों, समीक्षकों ,शिक्षकों तथा शोधार्थियों के विचार लघु आलेख के रूप में आमंत्रित किये जायेंगे।
वंदना ने बताया कि संगीत वंदन का पहला अंक गान सरस्वती स्व. किशोरी अमोनकर को समर्पित किया गया है। आज के तकनीकी युग में विषय सामग्री को ई-पत्रिका के रूप में प्रकाशित करने के पीछे उनका उद्देश्य सांगीतिक विचार को देश विदेश के पाठकों हेतु सुलभ बनाने के साथ साथ संगीत विषय में नवीन और स्वतन्त्र तथा प्रासंगिक लेखन को प्रोत्साहित करने का रहा है।
इसके हर अंक में संगीत के अलग अलग आयाम को स्पर्श करते लघु आलेख ,संगीत क्षेत्र में हो रही महत्वपूर्ण गतिविधियों पर नज़र ,देश के किसी राज्य के लोक वाद्य का विवरण, किसी एक पुस्तक का विश्लेषण आदि विषयों को नियमित रूप से सम्मिलित किया जाएगा।