सात राज्यों के 24 कलाकारों की कृतियों से रोशन हुईं जेकेके की कला दीर्घाएं
जेकेके की सुरेख, सुकृति और सुदर्शन गैलरी में जीवंत हो रहे हैं कला के विविध रूप
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Ananya soch
अनन्य सोच। जवाहर कला केन्द्र की सुरेख, सुकृति और सुदर्शन आर्ट गैलरी में शुक्रवार शाम देश-विदेश के 24 नामी चित्रकार , स्कलपचर और इन्स्टालेशन आर्टिस्ट की बनाई कलाकृतियों की पांच दिवसीय एग्जीबिशन शुरु हुई. ”क्रियेटिव स्पार्क्स“ ग्रुप की ओर से आयोजित इस प्रर्दशनी में सिंगापुर, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आन्ध्र प्रदेश, बंगाल तथा राजस्थान के कलाकारों की कलाकृतियां देखने योग्य हैं. प्रदर्शनी का खासियत ये है कि इसमें शिरकत करने वाले कलाकारों ने अपनी मौलिक सोच से तरह तरह की अर्थपूर्ण कलाकृतियां बनाई हैं जिनसे कई तरह केे संदेश भी प्रसारित हो रहे हैं. किसी कृति में कलाकार ने मनुष्य के महसूस करने के पांच केन्द्रों आंख, कान, नाक, जीभ और चोटी के जरिए हमेशा सार्थक सोचने का संदेश तो किसी कृति में प्लास्टिक से प्रदूषित होती जा रही दुनिया को बचाने का संदेश देखने योग्य है. इसके अलावा कलाकारों ने विभिन्न शहरों की पारंपरिक वास्तुकला, ग्रामीण जन जीवन और प्रकृति को भी अपने सृजन का माध्यम बनाया है.
कई माध्यमों में दिखीं कलाकृतियाँ
प्रर्दशनी में आयल, एक्रेलिक, वाटरकलर, वॉश टेक्निक आदि कई माध्यमों से बनाई कलाकृतियां यहां प्रदर्शित हैं.
राजस्थान यूनिवर्सिटी में भी होगा कलात्मक आयोजन
क्यूरेटर तापस बसु ने बताया की प्रर्दशनी में भाग ले रहे कलाकार इसी दौरान राजस्थान यूनिवर्सिटी के विज्यूअल आर्ट विभाग में भी 3 दिवसीय पेंटिग व स्कल्पचर वर्कशाप का आयोजन करेंगे जो 4 से 6 जनवरी तक चलेगा तथा इसमें विभाग के पेटिगं व स्कल्पचर डिपार्टमेंट के स्टूडेंट भी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
प्रदर्शनी का शुभारंभ वरिष्ठ कलाविद् प्रो. सी.एस.मेहता एवं राजस्थान यूनिवर्सिटी के विज्यूअल आर्ट विभाग के हेड रजत पंडेल ने किया.
इन कलाकारों की कृतियां हैं प्रदर्शित
प्रदर्शनी में तीर्थांकर बिस्वास, भास्कर सिंघा, मोहम्मद रिजवान, प्रलय दत्ता, डा.प्रमोद सिंह, डॉ.वेंकट राव, सुभाष रॉय, डॉ.सुदीप रे, पीनाकी रंजन बेरा, प्रदीप सिकदर, रासबिहारी साहा, नीताई दास, कनिका मुखर्जी, सजल मित्रा, संतोष बसाक, तन्मोय रॉय, कौशिक त्यागी, सुप्रति चौहान, सुहास दत्ता, भारती आर्य, अभिजीत बिस्वास, भानु, चित्रा, डॉ.बी.के.दत्ता एवं तापस बसु जैसे प्रखर कलाकारों की कला को करीब से देखने और समझने का अवसर यहां सहज ही प्राप्त किया जा सकता है.
प्रर्दशनी का समय 7 जनवरी तक प्रातः 11 बजे से सांय 7 बजे तक रहेगा तथा प्रवेश निःशुल्क रहेगा.