कैनवास पर म्यूरल के भाव, टीथ ऑफ गॉड और प्रकृति का प्रवाह

राजस्थान यूनिवर्सिटी कैम्पस में देश के 15 युवा और वरिष्ठ कलाकार रच रहे हैं अनुभूतियों का अनूठा संसार रविवार तक आरयू परिसर में रहकर कलाकार करेंगे सतरंगी अभिव्यक्ति, आम दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क है

कैनवास पर म्यूरल के भाव, टीथ ऑफ गॉड और प्रकृति का प्रवाह

अनन्य सोच, जयपुर। राजस्थान यूनिवर्सिटी के वीजुअल आर्ट डिपार्टमेंट और ललित कला अकादमी, नई दिल्ली के तत्वावधान में कैम्पस में चल रहे नेशनल आर्टिस्ट कैंप में जयपुर सहित देश के 15 वरिष्ठ और युवा कलाकार इन दिनों अपनी अपनी अनुभूतियों के रंगों को कैनवास पर सजाने में मशगूल हैं। ये कलाकार यहां एक्रेलिक, ऑयल, चारकोल से लेकर मिक्स्ड मीडिया में तरह तरह की की पेन्टिंग्स के माध्यम से अपने कलात्मक हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं जिसे बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स और कला प्रेमी लुत्फ उठा रहे हैं। कहीं कैनवास पर म्यूरल के भाव नजर आ रहे हैं, किसी कलाकार ने कोरोना में व्याप्त भय और उसके बाद छा रही खुशहाली को अपने सृजन का माध्यम बनाया है तो किसी ने प्रकृति की उर्जा और उसके प्रवाह को कैनवास पर जीवंत किया है। कैंप के मीडिया प्रभारी कमलेश व्यास ने बताया कि इस कैम्प में राजस्थान के जयपुर सहित दिल्ली, उड़ीसा, कोलकता, लखनउ और तेलंगाना के आर्टिस्ट आए हुए हैं। कमलेश ने बताया कि युवा कलाकारों को देश के विभिन्न हिस्सों से आए वरिष्ठ कलाकारों की कला के भिन्न भिन्न आयामों को देखकर बारीकियां सीखने का मौका मिले, इसी उद्देश्य से कैंप का आयोजन किया जा रहा है। ये कलाकार रविवार तक आरयू परिसर में रहकर सतरंगी अभिव्यक्ति को अंजाम देंगे, आम दर्शकों का प्रवेश यहां निःशुल्क रखा गया है। 

 
-कोरोना की भयावहता का प्रतीक हैं ‘टीथ ऑफ गॉड’

सीनियर आर्टिस्ट सुमित सेन ने कोरोना में परिवेश में छायी भयावहता और उसके बाद धीरे धीरे नॉर्मल होती जा रही ज़िंदगी के रंगों को अपने सृजन का माध्यम बनाया है। इस क्रिएशन को सुमित ने ‘टीथ ऑफ गॉड’ नाम दिया है। कैनवास के मध्यम में उन्होंने कोरोना को प्रकृति का कहर मानते हुए दांत निकालकर क्रूर हंसी हंस रही आकृति को बनाया और उसके ठीक नीचे मास्क को रखा है। सुमित का मानना है कि इतने विध्वंस के बाद भी मनुष्य ने अपनी कुशलता से इसका सामना किया। उन्होंने इस पेन्टिंग के बॉर्डर पर फिर से नॉर्मल होती जा रही दुनिया की हलचल के छोटे छोटे रूपाकार बनाकर इसे अनूठा रूप दिया है।
 
-चार दोस्तों का सेलीब्रेशन

सीनियर आर्टिस्ट तीर्थंकर बिस्वास का सृजन भी देखन योग्य है उन्होंने शाम के साये में मस्ती के मूड में बैठे चार मित्रों की आकृतियों को कलात्मक अंदाज में उकेरा है। इस पेन्टिंग में बेपरवाह बैठे चार मित्र हैं और उनके इर्द-गिर्द बेतरतीब पड़े बर्तन और अन्य सामग्री उनके मस्ती के अंदाज में बयां कर रही है।
 
-इनफ्लक्स ऑफ नेचर यानि प्रकृति का प्रवाह

दिल्ली में रहकर कला साधना कर रहे झारखण्ड के दिनेश कुमार राम ‘इनफ्लक्स ऑफ नेचर’ शीर्षक से पेन्टिंग तैयार की है। उन्होंने बताया कि इस शीर्षक का अर्थ है प्रकृति का प्रवाह। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी आकृतियों में मूवमेंट, फोर्स और एनर्जी को दर्शाया है। उनकी बनाई सभी आकृतियां चाहे वो उपर से नीचे की ओर आ रही हों अथवा बांये से दायें और दायें से बाएं जा रही हों सभी में मूवमेंट महसूस होता है।


 
-संदीप मेघवाल ने तैयार किया फोक फ्यूजन

कलाकार संदीप मेघवाल ने कैनवास पर फोक फ्यूजन तैयार किया है। इस पेन्टिंग में संदीप को जो ट्रायबल एलीमेंट प्रभावित करते हैं उनको अपने सृजन का माध्यम बनाया है। संदीप की पेन्टिंग कैनवास पर किसी म्यूरल जैसा आभास देती है, इस पेन्टिंग थ्रीडी की अनुभूति करवाता रिच टैक्सचर इसकी खासियत है। इस पेन्टिंग में बनी आकृतियां चित्रकला की फड़ शैली का भी आभास करवाती हैं। खास बात ये है कि अगर इस पेन्टिंग को दीवार पर लटका दिया जाए तो दूर से ये किसी म्यूरल यानि भित्ती चित्र जैसी नजर आने लगती है। इसके अलावा युवा चित्रकार निधि पालीवाल प्लांट्स और आर्कीटैक्चरल आकृतियों को मिलाकर लैंड स्कैप बनाने में मशगूल है। ये चित्र अभी प्रारंभिक अवस्था में है जो शुक्रवार तक अपने पूरे रूप में नजर आने लगेगा।