Tatkar ceremony: ‘तत्कार’ समारोह मेें जीवंत हुए कई नृत्य शैलियों और रचनाओं के रंग
कथक, राजस्थानी घूमर, थुंगा थुंगा और नुसरत फतेह अली खान को समर्पित नृत्य केे जरिए कलाकारों ने दर्शाई अपनी नृत्य प्रतिभा महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में डॉ. श्वेता गर्ग के निर्देशन में आयोजित नृत्यों का खास कार्यक्रम
Ananya soch: Tatkar ceremony
अनन्य सोच। Tatkar ceremony: शहर का महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम रविवार को वहां आयोजित किए गए नृत्यों के खास कार्यक्रम ‘तत्कार’ से उपजी लय और ताल और भावों के अनूठे रंग में रंग गया. समारोह में नृत्य गुरू डॉ. श्वेता गर्ग द्वारा स्थापित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कथक डांस एंड म्यूज़िक के साधनारत कलाकारों ने कथक, सेमी क्लासिकल, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर और कृष्ण भक्ति को समर्पित नृत्य थुंगा थुगा तथा सूफी गायक नुसरत फतेह अली खान को समर्पित नृत्य रचना के जरिए अपनी नृत्य साधना का बेहतरीन प्रदर्शन कर वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की भरपूर दाद बटोरी.
समारोह की शुरूआत डॉ. श्वेता गर्ग ने अपनी शिष्य मंडली के साथ कथक की विशेष प्रस्तुति से की. इस प्रस्तुति में श्वेता ने वंदना के अलावा जयपुर घराने का पारंपरिक नृत्य पेश किया और ठुमरी पर आधारित भावपूर्ण नृत्य से अपनी इस मनभावन प्रस्तुति को विराम दिया. इसके बाद लगभग दो घंटे चले समारोह में संस्थान के 100 से भी अधिक कलाकारों ने थुंगा-थुंगा, सात मात्रा की रूपक ताल में जयपुर घराने का पारंपरिक नृत्य, चतुरंग नृत्य रचना, विलंबित लय में रंगमंच प्रणाम, ठाठ, सादा आमद, द्रुत लय में मुरली की गत, तीन ताल सोलह मात्रा मेें शुद्ध कथक नृत्य सहित अनेक रचनाएं पेश कीं.
नृत्यों का ये कार्यक्रम इंस्टीट्यूट के 19वें स्थापना दिवस के उलक्ष्य में आयोजित किया गया. इस मौके पर मोहन वीणा वादक पं. विश्व मोहन भट्ट का ऑडियो संदेश सभी को सुनाया गया. समारोह के मुख्य अतिथि तथा पारंपरिक चित्रकला के चितेरे पद्मश्री तिलक गिताई थे. तिलक गिताई ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनकी हौसला अफजाई की.