“राजस्थान की बावड़ियों का संरक्षण होगा तेज, शिल्प ग्राम बनेगा लोक कलाओं का नया केंद्र — उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी”

“राजस्थान की बावड़ियों का संरक्षण होगा तेज, शिल्प ग्राम बनेगा लोक कलाओं का नया केंद्र — उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी”

Ananya soch: The conservation of stepwells in Rajasthan will be intensified Shilp Gram will become a new centre for folk arts Deputy Chief Minister Diya Kumari
अनन्य सोच। उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन, कला एवं संस्कृति मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राजस्थान पर्यटन आज निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है और विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रहा है. पिछले दो वर्षों में मिले अभूतपूर्व पर्यटन विकास ने प्रदेश को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि वैश्विक मंच पर भी नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra modi) के विज़न के अनुरूप भारत को विश्व का सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. 

उन्होंने बताया कि राजस्थान की समृद्ध विरासत, विशेषकर ऐतिहासिक बावड़ियों, का संरक्षण समय की मांग है. इसी उद्देश्य से पर्यटन एवं कला एवं संस्कृति विभाग को एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इन धरोहरों को संरक्षित करके पर्यटन से जोड़ा जा सके. उन्होंने कहा कि बावड़ियां राजस्थान की ऐतिहासिक जल–वास्तुकला का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिनका संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए अनिवार्य है. 

शासन सचिवालय में आयोजित पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं की प्रगति को तेज करने के निर्देश दिए. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन प्रवीण गुप्ता, आयुक्त रुक्मणी रियाड़ सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं, विरासत संरक्षण योजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर विस्तृत चर्चा हुई. 

दिया कुमारी ने घोषणा की कि जवाहर कला केंद्र, जयपुर स्थित शिल्प ग्राम को लोक कला, लोक संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एक मुख्य केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. यह स्थान न केवल लोक कलाकारों को मंच प्रदान करेगा, बल्कि शिल्पकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने और उसे आगे बढ़ाने का अवसर भी देगा. 

उन्होंने कहा कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास को समान गति से आगे बढ़ाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. राज्य की कला, संस्कृति, विरासत और पर्यटन को एक साथ जोड़कर ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं, जो आने वाले समय में राजस्थान को दुनिया का सबसे आकर्षक सांस्कृतिक पर्यटन गंतव्य बनाएंगे.