Jagran Film Festival: राजपाल यादव ने कहा, किसी कलाकार की सीमाओं को नापा नहीं जा सकता
Ananya soch: Jagran Film Festival
अनन्य सोच। Jagran Film Festival: दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में चल रहे Jagran Film Festival (JFF) में अभिनेता राजपाल यादव ने पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के साथ फिल्म “सन ऑफ हिमालय” पर चर्चा भी की. सत्र के दौरान राजपाल यादव ने कला और जीवन पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि "किसी कलाकार की सीमाओं को नापा नहीं जा सकता, उन्हें अनुभव किया जाता है. पहले कला को समझो, फिर उसे रचो। कला एक जीवन जीने का तरीका है. कहानियां कभी छोटी नहीं होतीं, हम उन्हें छोटा बना देते हैं. हर स्ट्रोक, हर शब्द और हर सुर में दुनिया बदलने की ताकत होती है. अपनी जड़ों और जीवन दर्शन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं, और बुढ़ापे में खेती में वापस लौटना चाहता हूं. हम अक्सर किसी अच्छे की प्रतीक्षा की जटिलता में जीते हैं, लेकिन यदि हम जो है उसे स्वीकार करें, तो सबसे अच्छा अपने आप आएगा. राजपाल यादव के दिल से निकले ये शब्द दर्शकों के दिलों में गूंज उठे, उनके गहरे मूल्यों और सिनेमा व कहानी कहने के प्रति उनके दृष्टिकोण की झलक पेश करते हुए.
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