कवियों के शब्द बाण, उनकी हास्य-व्यंग्य की रचनाओं पर श्रोताओं ने जमकर लगाए ठहाके

बिड़ला सभागार में हुआ काव्यम् संस्था का काव्यकुंभ -पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, शंभू शिखर, कवयित्री गौरी मिश्रा, केसरदेव मारवाड़ी, अमित शर्मा और राजेश अग्रवाल ने काव्य पाठ से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया

कवियों के शब्द बाण, उनकी हास्य-व्यंग्य की रचनाओं पर श्रोताओं ने जमकर लगाए ठहाके

Ananya soch

अनन्य सोच। साहित्य, कला-संस्कृति की काव्यम् संस्था के सीजन-3 के काव्यकुंभ में देश के नामी कवयित्री, कवियों ने अपनी हास्य-व्यंग्य, शृंगार और वीर रस की रचनाओं से दानिशमंद श्रोताओं को खूब गुदगुदाया और जमकर भिगोया। रविवार को यहां बिड़ला सभागार में संजोए राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मंचस्थ कवियों ने अपने चिर-परिचित अंदाज में रुमानियत के रंग, रामायण के प्रसंग और देशप्रेम के ओज रंग से सपनीला, खुशनुमा इन्द्रधनुष बनाकर सामइनों के अंत:स्तल को छू लिया।

पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, शंभू शिखर, कवयित्री गौरी मिश्रा, केसरदेव मारवाड़ी, अमित शर्मा और राजेश अग्रवाल ने कार्यक्रम के दौरान बड़ी तादाद में मौजूद सुधी श्रोताओं को उनकी रोजमर्रा की जिन्दगी में कुछ पल खुशियों के काव्य समंदर में नख--शिख गोता लगवाए। कवियों के शब्द बाणों पर जमकर ठहाके लगाए। इससे पहले काव्यम् संस्था के प्रणेता राजेश शर्मा ने सभी कवियों का स्वागत किया। उन्होंने संस्था की सालाना गतिविधियों पर रोशनी डाली। कार्यक्रम की शुरुआत में दीप- प्रज्वलन पर संस्था के तमाम सदस्य मौजूद रहे। जैसे ही देश के हरदिल अजीज हास्य के सरताज कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा मंच पर आए समूचा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कविता पाठ करने से पहले ही श्रोताओं ने आला अंदाज के मशहूर कवि सुरेन्द्र शर्मा का खुशी के माहौल में गर्मजोशी से स्वागत किया। कवि सुरेन्द्र शर्मा की ठेठ आंचलिक अंदाज की इस काव्य रचना पर लगे भरपूर हंसी- ठहाके-

पत्नी जी!

मैं छोरा नैं राम बनने की प्रेरणा दे रियो ऊँ

कैसा अच्छो काम कर रियो ऊँ!

वा बोली—'मैं जाणूँ हूँ थैं छोरा नैं

राम क्यूँ बणाणा चाहो हो

अइयां दसरथ बणकै तीन घरआली लाणा चाहो हो!

यह रही उनकी दूसरी काव्य रचना--

'पत्नी जी!

मेरो इरादो बिल्कुल ही नेक है

तू सैकड़ाँ मैं एक है।

वा बोली—'बेवकूफ मन्ना बणाओ

बाकी निन्याणवैं कूण-सी हैं

या बताओ! इस रचना पर श्रोता खूब हंसे। जो अपने संग होते हैं सुखी संसार लगता है, कोई जो बोल दे हंसकर वही उपहार लगता है, किसी की आंख में आंसू नहीं देना मेरे दाता, जो पल खुशियों भरा बीते वही त्योहार लगता है... कार्यक्रम के सूत्रधार दिल्ली के हास्य-व्यंग्य कवि राजेश अग्रवाल की इस रचना ने काव्य महफिल में पूरा रंग जमाया। शृंगार रस, गीत--गजल की कवयित्री गौरी मिश्र (नैनीताल) ने अपनी रचना से रुमानियत का खुशनुमा अहसास कराया। उन्होंने न दौलत का इशारा है न शोहरत का इशारा है,

जो अपने हाथ में लिखी है किस्मत का इशारा है, जुबां जब भी समझ आने लगे तुमको इशारों की, समझ लेना किसी से ये मोहब्बत का इशारा है...सुनाया। इसी प्रकार ग्रेटर नोएडा के वीर, ओज रस के कवि अमित शर्मा ने युवा देश का जब जब रण में अपनी ताकत तौलेगा, चप्पा चप्पा इस भारत का वंदे मातरम् बोलेगा...जैसी काव्य रचना सुनाकर माहौल में देशप्रेम का जज्बा भर दिया।

बिहार के हास्य कवि शंभू शिखर ने अपने काव्य पाठ के दौरान जिन्दगी में प्यार की अहमियत को शिद्दत से महसूस कराया।मित्र मिले हम चार एक बोला सुन यार जोश के बिना तो ये जवानी सूनी- सूनी है, दूजा बोला जोश से ही काम चलता नहीं है हौसला जो ना हो तो रवानी सूनी- सूनी है, तीजा बोला मैं तो बस एक बात मानता हूं प्यार के बिना सभी कहानी सूनी- सूनी है...सुनाकर कवि शंभू शिखर ने श्रोताओं को दिलों को छू लिया।

राजस्थान के हास्य कवि केसरदेव मारवाड़ी ने अपनी रचना में पोषक तत्वों से भरपूर घरेलू खाने के जायके और स्वाद का महत्व बताया। उनकी रचना इस प्रकार रही, लापसी से बढ़िया फूड, न्यूट्रिएंट नहीं हो सकता, खिचड़ी-दलिया का कोई सप्लीमेंट नहीं हो सकता, अरे हम हमारे बच्चों को हॉर्लिक्स खिलाएं, प्रोटीनेक्स खिलाएं या सेरेलेक खिलाएं. मां के दूध का कोई अल्टरनेट नहीं हो सकता...पर श्रोताओं की खूब तालियां बजीं। उनकी दूसरी काव्य रचना, चुनावी उम्मीदवार बनकर कर बीबी का दर्शन किया था

शादी के टाइम मैंने भी रोड शो और प्रदर्शन किया था

स्टेज पर माला पहना कर समर्थन भारी किया था

अग्नि की साक्षी में घोषणा पत्र जारी किया था

सरकार आने के बाद मेरी सारी घोषणाएं पैक हो गई

अपना तो बूथ ही कैप्चर हो गया ईवीएम हैक हो गई

अब चुनाव हो या न हो वो रोज मुझसे लड़ती है

मैं अपना वोट माँ बाप को दूं या भाई बहिन को

वीवीपीएटी में पर्ची उसी के नाम की पड़ती है....ने शहर की आबोहवा में खूब काव्यरस घोला। चार घंटे तक चले इस कार्यक्रम के अंत में काव्यम् संस्था के प्रणेता राजेश शर्मा ने सभी आगन्तुकों का आभार जताया।