Manipal University Jaipur: एमएमसीआईटीआरई - 2024 पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

Manipal University Jaipur: एमएमसीआईटीआरई - 2024 पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

Ananya soch: Manipal University Jaipur

अनन्य सोच। Manipal University Jaipur:  मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर में गणितीय मॉडलिंग, कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस तकनीक और नवीकरणीय ऊर्जा (एमएमसीआईटीआरई - 2024) पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम गणित और सांख्यिकी विभाग, मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर द्वारा आयोजित किया गया. साथ ही तीन अन्य संस्थान बार्सिलोना विश्वविद्यालय, स्पेन; आर ए सी एफ सोसायटी, बार्सिलोना, स्पेन; यूसीएससी चिली, यूपीटीसी कोलंबिया और फोरम फॉर इंटरडिसिप्लिनरी मैथमेटिक्स (एफआईएम), गुजरात चैप्टर भी इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में सहयोग कर रहे है.

उद्घाटन सत्र की शुरुआत में गणित विभाग की प्रमुख प्रोफेसर कल्पना शर्मा ने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया और विभाग की मुख्य बातें साझा कीं. सम्मेलन के संयोजक डॉ. राम नरेश सारस्वत ने बताया कि सम्मेलन में दुनिया भर से कुल 400 शोध आलेख प्राप्त हुए. विज्ञान संकाय की डीन प्रोफेसर ललिता लेडवानी ने अपने भाषण में उल्लेख किया कि गणितीय मॉडलिंग आज की दुनिया की जरूरत है क्योंकि हम सभी अपनी समस्याओं के किफायती समाधान खोजना चाहते हैं.

सम्मेलन में बोलते हुए, रजिस्ट्रार, प्रो.नीतू भटनागर ने मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर की स्थापना और विकास के बारे में जानकारी दी. अध्यक्ष प्रो. जी.के. प्रभु ने अपने संबोधन में गणितीय मॉडलिंग के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने मानव हृदय का उदाहरण दिया जो एक पंपिंग मशीन की तरह काम करता है और इसकी कार्यप्रणाली को मॉडलिंग के माध्यम से समझा जा सकता है. उन्होंने कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क और कंप्यूटेड टोमोग्राफी के साथ गणितीय मॉडलिंग के विचार की भी पुष्टि की. उद्घाटन समारोह के दौरान सम्मेलन की एक स्मारिका का भी अनावरण किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस सुंदर, निदेशक, एनआईटी, मिजोरम, जो इस कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए, ने कहा कि उनकी शोध टीम मॉडलिंग और सिमुलेशन करके नदियों के प्रवाह को समझने की कोशिश कर रही है. 

इस अंतर्राष्ट्रीय मेगा इवेंट के अन्य संयोजकों ने विदेशों के सहयोगी संस्थानों से अपने विचार ऑनलाइन साझा किए. उनमें से दो प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया से प्रोफेसर जे.एम. मेरिगो लिंडाहल और यूसीएससी, चिली से प्रोफेसर अर्नेस्टो लियोन कास्त्रो थे. आईआईटी खड़गपुर से पधारे विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर जी.पी. राजा शेखर ने बताया कि प्रकृति में हर प्रणाली का कोई न कोई गणितीय मॉडल होता है. हमारा काम नवाचार करने के लिए इसे डिकोड करना है। उन्होंने नेटवर्किंग पर जोर दिया.  एक अन्य विशिष्ट अतिथि, प्रोफेसर श्री हरि राव वाद्रेवु, निदेशक और प्रधान अनुसंधान वैज्ञानिक, फाउंडेशन फॉर साइंटिफिक रिसर्च, हैदराबाद ने युवा शोधकर्ताओं को मौलिक विचारों पर ध्यान केंद्रित करने और ऐसे सिद्धांतों के साथ आने के लिए प्रेरित किया जो प्रकृति में सार्वभौमिक हैं. सह-संयोजक डॉ. मोहम्मद रिज़वानुल्लाह द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ.