रवींद्र मंच पर गूंजा हंसी का कारवां, दर्शकों को खूब भाया नाटक कंजूस

रवींद्र मंच पर गूंजा हंसी का कारवां, दर्शकों को खूब भाया नाटक कंजूस

Ananya soch: Kanjoos natak

अनन्य सोच। Ravindra Manch के स्टूडियो थियेटर में फ्रेंच नाटककार मोलिएर का प्रसिद्ध हास्य नाटक कंजूस का मंचन शुक्रवार को डॉ. कुलदीप शर्मा के निर्देशन में किया गया. नाटक ने अपने व्यंग्य, कटाक्ष और हास्य से दर्शकों को खूब गुदगुदाया और बार-बार तालियां बजाने पर मजबूर किया. नाटक की कहानी मिर्ज़ा सखावत बेग नामक एक कंजूस व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका धन के प्रति अति मोह उसके परिवार और बच्चों के भविष्य में बाधा बन जाता है. बेटे फरुख और बेटी अज़रा के प्रेम और विवाह को लेकर खींचतान, पिता की स्वार्थपूर्ण योजनाएं और अचानक हुए रहस्योद्घाटन ने कथानक को और रोचक बना दिया. चरमोत्कर्ष में न केवल छिपे धन का राज खुलता है बल्कि हास्यपूर्ण ढंग से रिश्तों की गुत्थियां भी सुलझती हैं. 

नाटक में कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय, सधे संवादों और शारीरिक हास्य से दर्शकों को ठहाकों से भर दिया. मंचन में पुनर्जागरण काल की कॉमेडिया डेल’आर्टे शैली की झलक भी देखने को मिली, जिसमें आशु संवाद और हास्य-त्रासदी का अनोखा मिश्रण था. 

इस प्रस्तुति ने यह संदेश दिया कि धन का मोह रिश्तों और जीवन की खुशियों से बड़ा नहीं हो सकता. हंसी और व्यंग्य से भरे इस नाटक ने दर्शकों को भरपूर मनोरंजन के साथ सोचने पर भी मजबूर किया. 

इन कलाकारों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

मिर्ज़ा-:     प्रदीप सोलंकी
अजरा:        नेहा बुटोलिया
फरुख:        लोकेश वर्मा
नासिर:        हसीब खान
नंबू:            उत्कर्ष नागर
अल्फू:         इमरान खान
हवलदार:     गुरु प्रसाद कुमावत
मरियम:       हर्षिता वर्मा
फरजीना:     गरिमा पंचोली
असलम:      हिमांशु वर्मा
दलाल:        हितेंद्र जोशी