भजन संध्या में अनुराधा पौडवाल ने बहाई भक्ति रस की गंगा

अपेक्स ग्रुप के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. सागरमल जूनीवाल की पांचवी पुण्यतिथि पर हुआ भक्ति संगीत का कार्यक्रम

भजन संध्या में अनुराधा पौडवाल ने बहाई भक्ति रस की गंगा

अनन्य सोच, जयपुर। पदमश्री अवार्ड से सम्मानित मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल ने 'नवकार मंत्र', 'आओ करें भक्ति भोलेनाथ की..', 'अच्युतम केशवम राम नारायणम... सहित जब अपनी सुमधुर वाणी से भजनों को सुनाना शुरू किया तो सभी भक्त और श्रोतागण भक्ति रस में झूमने को मजबूर हो गए। मौका था अपेक्स ग्रुप व संजय शिक्षा समिति के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. सागरमल जूनीवाल की पांचवी पुण्यतिथि पर अपेक्स यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित भजन संध्या का। तयशुदा कार्यक्रम में शामिल होने आई मशहूर गायिका अनुराधा पौडवाल ने अपनी स्वर लहरी से हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होनें ' हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारंबार...'को सुनाकर श्रद्वांजलि देते हुए भक्ति संगीत की सरिता बहायी।

इसके साथ ही जब अनुराधा पौडवाल ने अपनी चिर-परिचित मधुर आवाज में 'देना हो तो दीजिए जन्म-जन्म का साथ...' गाया तो पूरा कैंपस तालियों से गूंज उठा। अनुराधा पौडवाल ने अपनी सुमधुर भजन गायकी की सौंधी खुश्बू बिखेरकर उपस्थित हजारों दर्शकों के अंतस को महकाया। भजन संध्या में ‘‘कन्हैया तू तो है बड़ा चित चोर, राधे राधे जपो चले आएंगे बिहारी....’’ की प्रस्तुति दी तो उसके बाद श्रोता ऐसे तल्लीन होकर जुड़े कि उनके ‘‘खिलौना माटी का....’’, ‘‘राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना..’,’ ’’अजब है तेरी माया....’’, ‘‘तेरा नाम सबके लब पे सुबह शाम हो...’’, ‘‘हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारंबार....’’, ‘‘हे दुख भंजन मारुति नंदन सुन लो मेरी पुकार....’’  सरीखे भजनों की पेशकश पर पूरे समय के लिए श्रोता टस से मस नहीं हुए। ‘‘भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अंबे....’’, ‘‘माता तेरे चरणों की....’’ ऐसे भजन रहे जिन्हें सुनकर अपेक्स कैम्पस का सारा प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।