निगम महापौर सहित बिजली कंपनियां करंट से होने वाली दुर्घटनाओं को रोके

Ananya soch
अनन्य सोच। राज्य मानवाधिकार आयोग ने बिजली के खंभों और तारों की चपेट में आकर आए दिन होने वाली मौतों के मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही आयोग ने हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम के महापौर और जयपुर, अजमेर व जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों को कहा है कि वे विद्युत लाइनों और खंभों का परीक्षण कर उनके उचित रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें, ताकि मानव व पशु हादसों का शिकार ना हो. आयोग ने संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में किए गए प्रयासों की संपूर्ण रिपोर्ट और हादसे में मारे गए व्यापारी के परिवार को दी गई क्षतिपूर्ति की जानकारी भी अलग से देने को कहा है. आयोग ने यह आदेश प्रकरण में प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए दिए. 
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कुछ दिनों पहले तालाब के ऊपर से जा रही बिजली की लाइन से तीन किशोरों की मौत हो गई। वहीं कोटा और बूंदी में भी बिजली की लाइन की चपेट में आने से मौत के समाचार प्रकाशित हुए हैं. आयोग ने कहा कि यह दुखद है कि 19 अगस्त को चांदपोल हनुमान मंदिर के पास करंट से व्यक्ति की मौत हो गई. यह आश्चर्य की बात है कि कुछ दिनों पूर्व इसी खंभे से एक व्यक्ति का करंट लगा था और उसने बिजली विभाग को शिकायत दी थी, लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई. आयोग ने माना की खंभे पर करंट प्रवाहित होने से साबित है कि इनका रख रखाव उचित ढंग से नहीं हो रहा है.