जवाहर कला केंद्र का 30वां स्थापना दिवस 8 अप्रैल को, भव्य जश्न की तैयारियां जोरों पर

लोक कला-संगीत, नाटक, फिल्म स्क्रीनिंग, कार्यशालाएं व प्रदर्शनियों का होगा आयोजन

जवाहर कला केंद्र का 30वां स्थापना दिवस 8 अप्रैल को, भव्य जश्न की तैयारियां जोरों पर

Avinash

अनन्य सोच, जयपुर। गुलाबी नगरी में स्थि​त जवाहर कला केंद्र अपनी स्थापना से ही हर कलात्मक रंग की सशक्त अभिव्यक्ति कर रहा है। कला व कलाकारों के उत्थान के उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्थापित संस्थान 8 अप्रैल को अपना 30वां स्थापना दिवस मना रहा है। कला प्रेमियों में स्थापना दिवस को लेकर खासा उत्साह है। इस अवसर पर केंद्र में 8 से 10 अप्रैल तक भव्य आयोजन किया जाएगा। तीन दिवसीय आयोजन में कला के चारों आयाम, रंगमंच, दृश्य कला, साहित्य व संगीत से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां होगी। उत्सव को लेकर केंद्र के सोशल मीडिया अकाउंट पर कैम्पेन भी चलाया जा रहा है। 


लोक कला के रंगों के साथ होगी शुरुआत

8  अप्रैल को प्रात: 11 बजे से इस उत्सव की शुरुआत होगी। शहनाई-नगाड़ा, कच्ची घोड़ी, बहरूपिया, कठपुतली, मानव काष्ठ कठपुतली और बालम छोटो सो लोकनृत्य की प्रस्तुति के साथ कलाकार प्रदेश की लोक कला के रंग बिखेरेंगे। डोम एरिया में डूडल वॉल पर आगंतुक रंगों के जरिए अपनी कल्पनाओं को उकेरेंगे। दोपहर 12 बजे रंगायन सभागार में अभिषेक गोस्वामी के निर्देशन में नाटक 'बड़े भाई साहब' का मंचन होगा। शाम 7 बजे मुक्ताकाशी मंच पर विशेष संगीत प्रस्तुति होगी। 


कार्यशालाओं में निखरेगा हुनर, प्रदर्शनी में झलकेगा सफर

8 से 10 अप्रैल तक केंद्र में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। प्रात: 11 बजे से सायं 4 बजे तक मोलेला के प्रेम शंकर के निर्देशन में 'मृणशिल्प' कार्यशाला, पल्लवी सिंह के निर्देशन में बच्चों के लिए 'स्टोरी टेलिंग' कार्यशाला आयोजित होगी। तीनों दिन प्रात: 11 बजे से सायं 7 बजे तक केंद्र में संग्रहित चित्रों की प्रदर्शनी लगेगी। वहीं फोटोग्राफी प्रदर्शनी में केंद्र के 30 साल के सफर की झलक देखने को मिलेगी। इतिहास से साक्षात्कार करवाने वाली फिल्में जो केंद्र के विशेष प्रयासों से राज्य फिल्म अभिलेखागार, अजमेर से लायी गयी हैं उनकी स्क्रीनिंग सुबह 11 से 4 बजे तक सुजस गैलरी में की जाएगी। 

मांड गायकी व कथक फ्यूजन के साथ समापन

महोत्सव के अंतिम दिन 10  अप्रैल की शुरुआत बच्चों के नाटक के साथ होगी। प्रात: 11:00 बजे से 12:00 बजे दीपक पारीक के निर्देशन में कृष्णायन सभागार में 'पिता के पत्र पुत्री के नाम' का मंचन होगा। दोपहर 12:00 से 1:00 बजे आयुषी दीक्षित निर्देशित 'धोबी का गधा' नाटक होगा। शाम सात से नौ बजे कृष्णायन सभागार में होने वाले नाटक 'भेळी बातां' मायड़ भाषा के सफर को स्टोरी टेलिंग के जरिए दर्शाया जाएगा। शाम 7 बजे मध्यवर्ती में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। इसमें बीकानेर के संतोष जोशी व उनके साथियों की मांड गायकी से मुक्ताकाशी मंच सजेगा। वहीं मूलत: बीदासर निवासी नरेन्द्र कृष्ण की कथक फ्यूजन प्रस्तुति के साथ उत्सव का समापन होगा। 

इनका कहना है..... 

8 अप्रेल 1993 को जवाहर कला केंद्र का लोकार्पण हुआ। स्थापना से आज तक कला एवं कलाकारों के लिए केंद्र प्रतिबद्ध है। स्थापना दिवस को लेकर सभी उत्साहित हैं। इस अवसर पर होने वाले आयोजन को भव्य बनाने के लिए हर कलात्मक आयाम को छूने का प्रयास किया गया है। भावी पी​ढ़ी को कला व केंद्र के प्रति आकृष्ट करने के लिए बच्चों से जुड़ी गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया गया है, यह केंद्र की मुहिम 'नौनिहाल' को आगे बढ़ाने का प्रयास है। कला अनुरागियों से अपील है कि उत्सव में भागीदारी निभाकर आयोजन का आनंद लें। रंगमंच, दृश्य कला, साहित्य व संगीत को समाहित करते हुए केंद्र कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा। 

प्रियंका जोधावत, अतिरिक्त महानिदेशक, जवाहर कला केंद्र