Lado ri sikh natak: रवींद्र मंच पर हुआ लाडो री सीख का प्रभावी मंचन
Lado ri sikh natak: लाडो बिटिया को पढ़ाएं, तभी लंगड़ा समाज गतिमान हो सकता है
Ananya soch: Lado ri sikh natak
अनन्य सोच। Lado ri sikh natak: रवींद्र मंच (Ravindra munch) के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में हीरक जयंती के अवसर पर कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राजस्थान तथा रवींद्र मंच, जयपुर के सहयोग से अनुपम रंग थिएटर सोसाइटी द्वारा महिला सशक्तिकरण विषय पर आधारित तैयार नाटक राजस्थानी हास्य व्यंग नाटक " लाडो री सीख " का सशक्त् मंचन किया गया.
लेखक-निर्देशक, वरिष्ठ रंगकर्मी के.के. कोहली के निर्देशन में तैयार नाटक के माध्यम से आमजन को संदेश दिया गया कि समाज मे बेटों को खुली छूट दी जाती है और बेटियों पर पाबंधी लगाई जाती है, बेटियों को कमजोर समझा जाता है, इस तरह के भेदभाव के कारण ही बेटियों का मनोबल गिरता है जबकि वे किसी से कम नहीं है, सिर्फ उन्हें एक अवसर प्रदान करने की ज़रूरत है.
नाटक की मुख्य पात्र रानी एक गरीब बाप की लड़की है और रानी का पिता एक मंडी में मजदूरी करता है.
वह अपनी बिटिया को शिक्षित बनाने के लिए अपनी हैसियत के हिसाब से सब कुछ करता है और एक दिन रानी अपने पिता के सपनो को पूरा करती है. दूसरी ओर सेठ लालाराम का लड़का लल्लू है जो पढ़ाई का सिर्फ दिखावा करता है, मौज मस्ती, चौरी चकारी करता है और परीक्षा में फेल हो जाता है, जबकि गरीब बाप की बेटी रानी पूरी कॉलेज में टॉप करती है.
इस प्रकार नाटक लाडो री सीख के माध्यम से आमजन में सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया गया कि समाज को बेटे और बेटियों के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए.
नाटक का सह निर्देशन रमन पारीक का पार्श्व संगीत विक्रम भगत, प्रकाश परिकल्पना शहज़ोर अली एवं के के कोहली एवं मंच संचालन हिमांशु झाँकल ने किया.
नाटक में महेश महावर, मीना गीदवानी, विनोद कुमार, भगवती, ऋतू सैनी, दुर्गाप्रसाद मंडावरा, डीपी सैनी, अर्जुन सिंह राठौड़ आदि कलाकारों ने सशक्त अभिनय किया.