लता मंगेशकर को गीतों से किया याद

लता मंगेशकर को गीतों से किया याद


लता मंगेशकर को गीतों से किया याद

जयपुर।

नाम गुम जायेगा - चेहरा ये बदल जायेगा, मेरी आवाज़ ही पहचान है ग़र याद रहे। राजस्थान के प्रतिष्ठित गायक कल शाम जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में एकत्रित हुए। अवसर था मेरी आवाज़ ही पहचान है नाम से आयोजित कार्यक्रम जो कि स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेषकर को उनके 93वें जन्मदिन पर याद करने के लिये जवाहर कला केन्द्र और मधुज म्युज़िक कम्पनी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। 

राजस्थान की मरु कोकिला सीमा मिश्रा, बॉलीवुड सिंगर रवीन्द्र उपाध्याय, संजय रायज़ादा,मधु भाट. डॉ- गौरव जैन, दीपशिखा जैन, जावेद हुसैन और किरण भाट सहित कई गायकों ने लता जी को उनके सुप्रसिद्ध गीतों के माध्यम से अपनी श्रृद्धांजली दी।

राजस्थान की लता मंगेशकर कही जाने वाली सीमा मिश्रा ने जब लता जी द्वारा गाया गीत सत्यम् शिवम् सुन्दरम से इस संगीतमय शाम का आगाज़ किया तब खचाखच भरे सभागार में सभी की आँखें नम हो गयी। वहीं संजय रायज़ादा ने “तुम ना जाने किस जहां में खो गये” गाया तो कई दर्षकों संयम खो बैठे और रोने लग गये।

मधु भाट ने जब रुदाली का गीत दिल हुम हुम करे गाया तो खचाखच भरा सभागार तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा। रवीन्द्र उपाध्याय और सीमा मिश्रा द्वारा हसीना मान जायेगी फिल्म का गीत ”बेखुदी में सनम उठ गये जो कदम गीत भी दर्शकों की तालियाँ बटोरने में कामयाब रहा वहीं सीमा मिश्रा और मधु भाट ने जब उत्सव फिल्म का गीत ”मन क्यूं बहका रे बहका आधी रात को” गाया तो एक बार तो ऐसा लगा कि लता मंगेशकर और आशा भोंसले साक्षात इस गीत को प्रस्तुत कर रही है और लता मंगेषकर की आत्मा स्वर्ग से आशीर्वाद दे रही है।

डॉ. गौरव जैन, दीपशिखा जैन, जावेद हुसैन और किरण भाट ने भी अपनी आवाज़ का जादू बिखेरा।

इस अवसर पर मधु भाट द्वारा बनाया गया और सीमा मिश्रा, मधु भाट और किरण भाट द्वारा गाया गया  विशेष गीत ”लता माँ”  का वीडियो भी रिलीज़ किया गया। 
मधु ने बताया कि 13 जनवरी को 2013 को जब उन्होंने लता जी से व्यक्तिगत रुप से मिलकर उनका आशिर्वाद प्राप्त किया तभी से मेरे जीवन में आश्चर्यजनक रुप से परिवर्तन आने लगे और मेरा कैरियर बुलंदियों को छूने लगा।

मधु सन् 2008 से ही लता जी का जन्मदिन मनाती आ रही है और उनका जन्मदिन हमेशा एक खास दिन रहा है। उन्होंने बताया कि इस दिन को यादगार बनाने के लिये हर वर्ष केक काटती हैं तथा गरीब़ बच्चों को उपहार देती हैं और उस खास दिन अपने लिये इस खास दिन पर अपने लिये भी उपहार लेती हैं। यहां तक कि मधु ने अपना घर और कार भी इस विशेष दिन ही खरीदीं।