आज पुरानी राहों से" में गूंजे अमर गायक मोहम्मद रफी के गीत

रफी की याद में मोहन बालोदिया ने आयोजित की गीत माला

आज पुरानी राहों से" में गूंजे अमर गायक मोहम्मद रफी के गीत

Ananya soch

अनन्य सोच। गायक मोहम्मद रफी के एक से बढ़कर एक दिलकश गीतों को जब शहर के सुपर सिंगर मोहन कुमार बालोदिया ने दिलकश आवाज में गाया तो मंच पर रफी की याद एक बार फिर से ताजा हो गई। मौका था मोहम्मद रफी की पुण्य तिथि पर बालोदिया इवेन्ट्स और बालोदिया डायमंड ऑर्केस्ट्रा की ओर से बिड़ला ऑडिटोरियम में कार्यक्रम ‘आज पुरानी राहों से’ के आयोजन का। इस मौके पर मोहन कुमार बालोदिया, सिंगर रश्मि बालोदिया और उनके साथियों ने मोहम्मद रफी के गाए एक से बढ़कर एक सुपर हिट एकल और युगल गीत प्रस्तुत किए।

 इस मौके पर मोहन कुमार बालोदिया ने रश्मि बालोदिया सहित कई फीमेल सिंगर के साथ एकल रूप से मोहम्मद रफी के गाए सुपरहिट गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरूआत फिल्म भाभी के गीत ‘चल उड़ जा रे पंछी’ गीत से करने के तुरन्त बाद फिल्म भरोसा का गीत ‘इस भरी दुनिया में कोई हमारा ना हुआ’ प्रस्तुत कर रफी को स्वरांजलि दी। 

उन्होंने रश्मि बालोदिया के साथ फिल्म नीला आकाश का गीत ‘तेरे पास आके मेरा वक्त गुजर जाता है’, विधि आचार्य के साथ बेटी बेटे फिल्म का गीत ‘अगर तेरी जलवा नुमाई ना होती’ और निकिता कोका लालवानी के साथ ‘दिल तेरा दीवाना है सनम’ प्रस्तुत कर संगीत प्रेमियों की भरपूर दाद बटोरी। इस मौके पर कृतिका बालोदिया ने मोहन बालोदिया के गाए गीत ‘मधुबन में राधिका नाचे रे’ गीत पर शास्त्रीय अंदाज में नृत्य सजाया तो लोगों ने तालियों से उसकी नृत्य प्रतिभा और बालोदिया की गायन प्रतिभा की सराहना की।

इन कलाकारों ने भी दी प्रस्तुति:

नागेश भटनागर, विशाल शर्मा, देवेन सिन्हा, सुधीर शर्मा, संजय भटनागर, राजीव माथुर, कृष्ण कन्हैया मीना, राजीव सक्सेना, बेला माथुर, विधि आचार्य, नीना सक्सेना, मनीषा जैन और निकिता कोका लालवानी विभिन्न एकल और युगल गीतों की प्रस्तुति दी। मोहन बालोदिया मोहम्मद रफी के निधन के बाद से परिस्थिति चाहे कैसी भी हो हर साल रफी की पुण्य तिथि पर कार्यक्रम करते हैं। यह बात दीगर है कि हर साल इसके आयोजन की तिथि वो सुविधानुसार जुलाई के अंतिम सप्ताह में तय करते हैं। उन्होंने मोहम्मद रफी की याद में उनके निधन के बाद पहली संगीत संध्या 43 वर्ष पूर्व एक छोटे से कमरे में आयोजित की थी। उसके बाद इन कार्यक्रमों का सिलसिला जवाहर कला केन्द्र, महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम सहित शहर के कई ऑडिटोरियम में होता हुआ अब पिछले कुछ सालों से शहर के सबसे चर्चित बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है।