नाटक ने दर्शाया इंसानियत और मजहब के अंतर्द्वंद को
अनन्य सोच। हीरक जयंती उत्सव के अंतर्गत पांच दिवसीय कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत तीसरे दिन गुरुवार को बहुचर्चित नाटक "जिन लाहौर नई वेख्या वो जन्माई ही नहीं" का मंचन रवींद्र मंच के मुख्य सभागार में हुआ. नाटक के लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार असगर वजाहत व निर्देशन अभिषेक गोस्वामी ने किया. इस मार्मिक नाटक की कहानी एक हिंदू बुढ़िया के इर्द-गिर्द घूमती है जो भारत पाकिस्तान विभाजन के दौरान पाकिस्तान में रह गई है. नाटक में जयपुर शहर के करीब 30 कलाकारों ने इसमें भाग लेकर अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी.
-ये थे कलाकार
नाटक में आशीष मोटवानी, आकिब मिर्जा, पूजा सहाय, रवि सोनी, शेफाली सिंह, वृतिका धाभाई, विजय प्रजापत, रीतीजग, सूर्यांश, राहुल जांगिड़, चारु भाटिया, विक्रांत रतनपाल, अनुरंजन, कमलेश सायर, कमलेश बैरवा, गौरव, रवि, अंकुर ने एक्टिंग की. वहीं ध्वनि व्यवस्था योगेश सोनी, प्रकाश परिकल्पना स्वप्निल एवं उनकी टीम ने की. मंच संचालन जयपुर के वरिष्ठ उद्घोषक आर. डी.अग्रवाल ने किया.
मंच के मैनेजर प्रियव्रत सिंह चारण ने बताया कि मंच के 60 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में मनाई जा रही हीरक जयंती में चौथे दिन राजस्थान ललित कला अकादमी के सौजन्य से कला प्रदर्शनी का आयोजन मंच की आर्ट गैलरी में प्रात 9:00 बजे किया जाएगा.