Darshanam Art Festival: 12 से 15 अगस्त तक फेयरमोंट में चलेगा 'दर्शनम आर्ट फेस्टिवल' 

रघुकुल ट्रस्ट और दर्शनम आर्ट गैलरी के द्वारा कूकस स्थित होटल फेयरमोंट में चार दिवसीय आर्ट एग्जीबिशन 'Darshanam Art Festival का भव्य आरम्भ किया गया. इस दौरान शो के उद्घाटन मौके पर अतिथि के तौर पर फर्स्ट इंडिया ग्रुप के सीईओ जगदीश चंद्र, दर्शनम आर्ट गैलरी से विजेंद्र बंसल, रघुकुल ट्रस्ट से साधना गर्ग और फेयरमोंट के जीएम राजीव कपूर ने शिरकत की. 12 से 15 अगस्त तक चलने वाली इस एग्जीबिशन के तीसरे दिन राजसिको के चेयरपर्सन राजीव अरोड़ा का 'पिछवाई एंड प्रेजेंट डे रेलेवंस' पर टॉक शो भी आयोजित होगा.

Darshanam Art Festival: 12 से 15 अगस्त तक फेयरमोंट में चलेगा 'दर्शनम आर्ट फेस्टिवल' 

Ananya soch: Darshanam Art Festival

- 14 अगस्त राजीव अरोड़ा का पिछवाई आर्ट पर आयोजित होगा टॉक शो-

नाथद्वारा श्रीनाथजी के 24 उत्सव के श्रृंगारों को कपड़ों पर दर्शाया

अनन्य सोच। श्रीनाथजी नाथद्वारा के 24 त्यौहारों में होने वाले खास दर्शन पर आधारित 24 खूबसूरत श्रृंगारों को कपड़ों पर दर्शाया. जहां राजभोग स्वरुप, बालरूप स्वरुप,  गिरिराजजी, दान लीला जैसे सभी उत्सव स्वरूपों को कलाकृतियों में संजोया. कुछ ऐसा ही मनभावन नजारा रहा शनिवार से शुरू हुए 'दर्शनम आर्ट फेस्टिवल का. कार्यक्रम का खास आकर्षण गोलकोंडा की पिछवाई कलेक्शन का प्रदर्शन रहा. जहां हैदराबाद राजघराना के प्रसिद्ध पिछवाई आर्ट फॉर्म से संग्रह किए गए पुराने कलेक्शन ने सभी का ध्यान खींचा. साथ ही श्रीनाथ जी की कमलतलाई, कामधेनु गाय, गोविन्द देव जी, नटखट गोपाल जैसी नेचुरल स्टोन कलर्स से बनी 40 पेंटिंग्स को भी प्रस्तुत किया गया. ब्रास, वुड और फाइबर से बनाए गए 23 सकल्पचर्स ने भी इस आत्मिक माहौल में जान भर दी. विजेंद्र बंसल द्वारा संग्रह की गई गोलकोंडा पिछवाई की कलाकृतियों पर शुद्ध सोने और चांदी की कारीगिरी देखी गई

. जिस बारे में बंसल ने बताया कि हैदराबाद की पिछवाई में शरीर के बनावट, चौड़ाई और कद काठी बड़ी होती है जिससे आप नाथद्वारा और हैदराबाद की पिछवाई में फर्क बता सकते है. इस संग्रह के द्वारा हमारी कोशिश है कि आने वाली पीढ़ी भी विभिन्न पिछवाई आर्ट फॉर्म्स को जाने और उनकी बारीकियों को सीखे. इस दौरान लाइव पेंटिंग वर्कशॉप में दर्शकों ने नेचुरल स्टोन कलर्स और शनील के कपड़े पर ट्रेडिशनल तरीके से पिछवाई आर्ट करना सीखा.