World music day: आज की भागती- दौड़ती जिंदगी में संगीत स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल करने और आत्मिक शांति के लिए जरूरी - अक्षत
शहर के संगीतकार अक्षत ने साझा किए अनुभव
Avinash parasar
World music day
अनन्य सोच, जयपुर। आज दुनिया भर में योग दिवस के साथ म्यूजिक डे भी मनाया जा रहा है. संगीत के बिना बॉलीवुड फिल्में अधूरी होती है. चाहे हीरो-हीरोइन का रोमांस दिखाना हो या झगड़ा, अगर इनमें गाने ना डाले जाए तो अधूरा सा लगता है. गौरतलब है कि दुनिया भर में 21 जून को वर्ल्ड म्यूजिक डे के तौर पर मनाया जाता है.भारतीय संगीत (Indian Music) दुनिया की सबसे पुरानी और मशहूर संगीत में से एक माना जाता है. आज के समय में ऑल-टाइम रिलैक्सिंग पावर डोज को संगीत कहा जाता है जिसका जरिया है म्यूजिक. म्यूजिक आपके दिमाग को शांत और रिलैक्स कर देता है. वर्ल्ड म्यूजिक डे पहली बार साल 1982 में मनाया गया था, जिसे फ्रांस के कल्चर मिनिस्टर जैक लांग ने आयोजित किया था. इस दिन को आज की युवा आर्टिस्ट के बीच म्यूजिक के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.
इस डे को लेकर जयपुर के शास्त्रीय संगीतकार अक्षत शर्मा ने अनन्य सोच से बातचीत में आज के दौर के संगीत के साथ अन्य पर अपने विचार साझा किए. अक्षत ने बताया कि आज की भागती- दौड़ती जिंदगी में, संगीत स्ट्रेस लेवल को कंट्रोल करने और आत्मिक शांति के लिए पहले से भी ज्यादा जरूरी हो गया है. मैं खुद, भारतीय शास्त्री संगीत का कलाकार हूं, पर मुझे भी बाकी युवाओं की तरह फ्यूजन संगीत में काफी रुचि है. शर्मा ने बताया कि मेरा धयेय शास्त्रीय संगीत का प्रसार प्रचार करना है.