कला मेले में राष्ट्रीय चित्रकला शिविर की हुई शुरुआत

कला संवाद में देश में कला की स्थिति व विजन पर हुई चर्चा पेटिंग्स के रंगों से गुलजार हुई जेकेके की आर्ट गैलरीज

अनन्य सोच, जयपुर। जेकेके में राजस्थान ललित कला अकादमी व जवाहर कला केंद्र की सहभागिता में आयोजित किए जा रहे 23 वें कला मेले के दूसरे दिन शनिवार को कला बोध व्याख्यान व संवाद आयोजित किया गया। साथ ही राष्ट्रीय चित्रकला शिविर का उद्घाटन हुआ और आर्ट गैलरीज में पेंटिंग एग्जीबिशंस की शुरुआत भी हुई, जहां दिवंगत कलाकारों की कृतियां प्रदर्शित कर उन्हें सम्मान दिया गया और राज्य व देश के युवा व वरिष्ठ कलाकारों की रचनाओं का बेहतरीन समन्वय देखने को मिला।


कृष्णायन में कला बोध व्याख्यान व संवाद आयोजित किया गया। इसमें चित्रकार, लेखक व कला समीक्षक अशौक भौमिक ने कहा कि विदेश की तर्ज पर भारत में कुछ भी केवल पीस ऑफ आर्ट नहीं होता, यहां हर कला के पीछे कोई न कोई कहानी या संदर्भ जुड़ा होता है। कला को देखने का नजरिया महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि कलाकार कुछ कहना नहीं, बल्कि कुछ बनाना चाहता है, क्योंकि यदि उसे कुछ कहना होता तो वह कलाकार नहीं, बल्कि लेखक होता है।

उन्होंने आगे कहा कि कला का सृजन तो हो रहा है, लेकिन कला के बोध की समझ होनी भी जरूरी है। चित्र समझने के लिए नहीं, बल्कि अनुभव करने के लिए बनते हैं। चित्रों के शीर्षक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि रविन्द्र नाथ ठाकुर व अमृता शेरगिल जैसे कलाकारों ने अपने चित्रों को शीर्षक से मुक्त रखा है। कला सबकी संपत्ति है, हमनें अपने दायरे सीमित कर दिए हैं।

शैल चोयल ने कहा कि भारत में कला की स्थित बहुत उत्साहजनक नहीं है, यहां कला से साक्षात्कार जिसे बचपन से होना चाहिए, वह नहीं है। करीब 90 प्रतिशत लोगों को कला से कोई लेना—देना नहीं होता, क्योंकि स्कूल से बड़े होने तक कला का शिक्षा पद्धति में उचित महत्व नहीं दिया गया है। हमारी युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे कलाओं का विश्लेषण करे।

शिल्पग्राम में देशभर के 10 प्रसिद्ध कलाकार दे रहे हैं पेंटिंग का लाइव डेमोंस्ट्रेशन —

जेकेके के शिल्पग्राम में वरिष्ठ कलाकार हिम्मत शाह ने राजस्थान ललित कला अकादमी के पदाधिकारियों के साथ राष्ट्रीय चित्रकला शिविर का उद्घाटन किया। इसमें अखिलेश, हर्षवर्धन स्वामीनाथन, मनीष पुष्कले, दिलीप शर्मा, फरहाद हुसैन, मुकेश शर्मा, निधि अग्रवाल, औदुंबर रूद्रवार, रामगोपाल कुमावत, कृति सक्सेना जैसे नामी कलाकार लाइव पेंटिंग्स बना रहे हैं, जो 7 फरवरी तक जारी रहेगा। यह शहर के कई युवा कलाकारों व कला स्टूडेंट्स के लिए सीखने का बेहतरीन मौका साबित हो रहा है।

तीन गैलरीज में हुई पेंटिंग एग्जीबिशन की शुरुआत

इसके पश्चात केंद्र की अलंकार, सुरेख व सुकृति आर्ट गैलरीज में वरिष्ठ कलाकार विद्यासागर उपाध्याय, भवानी शंकर शर्मा, नाथूलाल वर्मा व सुशील पारीक ने पेंटिंग्स एग्जीबिशन का उद्घाटन किया गया। अलंकार गैलरी में राज्य के करीब 40 दिवंगत कलाकारों की पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही हैं। इनमें पद्मश्री कृपाल सिंह शेखावत की पेंटिंग, पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की सिल्क पर नारी सौंदर्य विषय पर बनाई पेंटिंग, वेदपाल शर्मा 'बन्नू' की मिनिएचर पेंटिंग, सुमहेन्द्र की पांच पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें गांव की खूबसूरती का अक्स देखने को मिला। इनके अलावा अब्दुल करीम, ज्योति स्वरूप, सुरेन्द्र पाल जोशी व द्वारका प्रसाद शर्मा की कृतियां भी लोगों का ध्यान खींच रही है। इसी गैलरी में पद्मश्री अर्जुन प्रजापति के बनाए पांच स्कल्चलर भी प्रदर्शित किए जा रहे हैं।

सुदर्शन गैलरी में राष्ट्रीय कलाकारों की 30 से अधिक कृतियां प्रदर्शित की जा रही हैं, जिनमें दिल्ली के जय जरोटिया, कालीचरण गुप्ता, विनोद गोस्वामी व हेमराज; मुंबई की ललिता लाजमी व रेखा राव तथा उदयपुर के चरण शर्मा व वडोदरा की जयंती राबड़िया कुछ प्रमुख नाम हैं। सुरेख गैलरी में राज्य के पुरस्कृत व वरिष्ठ कलाकारों का कार्य प्रदर्शित किया जा रहा है। इनमें विद्यासागर उपाध्याय की बनाई तीन पेंटिंग, उदयपुर के शैल चोयल द्वारा बनाई श्रीनाथ की पेंटिंग, उदयपुर के अब्बास बाटलीवाला द्वारा मौलेला टेराकोटा से प्रेरित दो पेंटिंग, नाथूलाल वर्मा की मिनिएचर पेंटिंग, चिन्मय मेहता, ललित शर्मा, आकाश चोयल व अन्य कलाकारों की रचनाए भी शामिल हैं।

इसी प्रकार सुकृति गैलरी में राजस्थान के सम्मानित युवा कलाकारों का आर्टवर्क डिस्प्ले किया गया है। इनमें खुश नारायण जांगिड़ द्वारा कैनवास पर बनाई मिनिएचर पेंटिंग, गौरीशंकर सोनी द्वारा ह्यूमन फिगर पर आधारित पेंटिंग, श्वेत गोयल द्वारा अंग्रेजी शब्दों को रंग—बिरंगे बैकग्राउंड में संयोजित कर बनाई गई पेंटिंग शामिल हैं।