Natak hind swaraj: नाटक हिन्द स्वराज का मंचन
Ananya soch: Natak hind swaraj
अनन्य सोच। Natak hind swaraj: इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन इप्टा जयपुर और उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में शीतकालीन नाट्य अभिनय कार्यशाला की दूसरी नाट्य प्रस्तुति नाटक Natak hind swaraj का मंचन रविवार को रवींद्र मंच के स्टूडियो थियेटर में हुआ. राजेश कुमार द्वारा नाट्य रूपांतरित एवम मोहनदास करमचंद गांधी की मूल रचना है, जिसका निर्देशन जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी संजय विद्रोही ने किया है. नाटक में गांधी जीवन पर वृत, परस्पर संबंध व गांधी विचारधारा को दिखाने का प्रयास किया हैै. निर्देशक ने आज के दौर में विचार सबसे बड़ा संकट को रेखांकित किया हैं. स्वंत्रता का अर्थ सिर्फ सत्ता का परिवर्तन नहीं बल्कि उस जीवन पद्धति का परिवर्तन है जो हम उस शासन के दरम्यान देख रहे थे, गांधी इसलिए बार बार अंग्रेजी सभ्यता हटाने की ,उसे छोड़ने की बात करते हैं. आज सबसे बड़ा संकट विचार का हैं वर्तमान राजनैतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक परिदृश्य में विचार ही लुप्त हो रहे हैं.
पूरे नाटक में निर्देशक ने गांधी की इस दृष्टि को बताने की कोशिश की है. आज यह कैसी विडम्बना है की इस हिंदुस्तान की युवा पीढ़ी गांधी के नाम से तो परिचित है लेकिन गांधी दृष्टि से अपरिचित है. इस नाटक में सत्य, अहिंसा, प्रेम, भाईचारा, सद्भावना ,और सत्याग्रह के चिंतन को समझने के लिए प्रेरित करता है. साथ ही यह प्रस्तुति समाज में गांधी दृष्टि को प्रतिष्ठित करने की कोशिश करता है. इस नाटक में युवा कलाकार ऋतिक शर्मा ने गांधी और जिज्ञासु का किरदार गौरव गौतम ने बेखूबी से निभाया है . मंच पार्श्व में संगीत परिकल्पना विशाल बैरवा और तकनीकी प्रभारी राहुल भाटी ने संभाली है.