सर्वे में खुलासा इस बड़े शहर की 50% महिलाएं होती है अपने जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का शिकार

नवल पांडेय।

सर्वे में खुलासा इस बड़े शहर की 50% महिलाएं  होती है अपने जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का शिकार

Ananya soch: Survey reveals that 50% of women in this big city are victims of sexual harassment at some point in their lives

अनन्य सोच। जयपुर और दिल्ली में बढ़ते यौन उत्पीड़न के मामले: जे-पाल एशिया के सर्वे में चौंकाने वाले इस सत्र में चर्चा के दौरान जे-पाल एशिया द्वारा किए गए एक ताजा सर्वेक्षण के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. इस सर्वेक्षण में खुलासा हुआ कि जयपुर में 50% महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 66% तक पहुंच गया है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश के बड़े शहरों में महिलाओं की सुरक्षा अब भी एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है. 

पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ोतरी

इस सर्वे में यह भी बताया गया कि पिछले वर्ष जयपुर में 47% और दिल्ली में 64.7% महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकार हुई थीं. यानी इस वर्ष जयपुर में 3% की वृद्धि हुई, जबकि दिल्ली में यह आंकड़ा 1.3% बढ़ा. 

विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंकड़े केवल रिपोर्ट किए गए मामलों तक सीमित हैं। वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है, क्योंकि कई महिलाएं सामाजिक डर, बदनामी या कानूनी प्रक्रिया की जटिलता के कारण शिकायत दर्ज नहीं करातीं. 

क्या कहता है सर्वे?

सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं को यौन उत्पीड़न का सामना कार्यस्थलों, सार्वजनिक परिवहन, बाजारों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर अधिक करना पड़ता है. 
 • जयपुर में महिलाओं ने बताया कि वे ऑटो, बस और बाजारों में अश्लील फब्तियों, गलत नीयत से छूने और पीछा किए जाने जैसी घटनाओं का अक्सर सामना करती हैं. 
 • दिल्ली में महिलाओं ने मेट्रो, बस स्टॉप, कार्यस्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में यौन उत्पीड़न की घटनाओं की पुष्टि की. 

विशेषज्ञों की राय

चर्चा में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता वृंदा ग्रोवर ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन अब भी ज्यादातर पीड़ित महिलाएं रिपोर्ट करने से कतराती हैं.” उन्होंने कहा कि कानूनों की जानकारी और पुलिस तंत्र में सुधार के बिना महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल होगा. 

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि “महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस स्टेशनों से जुड़े महिला सहायता केंद्र बनाए जाने चाहिए और इन्हें मजबूती से चलाया जाना चाहिए. 

अर्थशास्त्री सीमा जयचंद्रन ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि “यौन उत्पीड़न की यह समस्या सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक संकट बन चुका है. उन्होंने जोर देकर कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति नजरिया बदलना बेहद जरूरी है. 

क्या हो सकते हैं समाधान?

विशेषज्ञों ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए:
 • कानूनों की सख्ती से पालना और त्वरित न्याय प्रणाली
 • कॉलेजों और कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ जागरूकता अभियान
 • सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाना
 • पुलिस में अधिक महिला अधिकारियों की नियुक्ति और संवेदनशीलता बढ़ाना
 • महिला सुरक्षा ऐप और हेल्पलाइन को अधिक प्रभावी बनाना

निष्कर्ष

इस चर्चा और सर्वेक्षण से यह साफ है कि महिलाओं की सुरक्षा केवल कानून तक सीमित नहीं हो सकती, बल्कि समाज की सोच और व्यवहार में बदलाव लाना भी जरूरी है. जब तक सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों और परिवहन में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल नहीं बनेगा, तब तक यह समस्या बनी रहेगी. 

महिलाओं की सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को इसे गंभीरता से लेना होगा और यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठानी होगी. 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।