The Jaigarh Festival: 9 और 10 दिसंबर को पहली बार 'द जयगढ़ फेस्टिवल'

The Jaigarh Festival: 'मीन राग' फिल्म की स्क्रीनिंग - शाही 'गुणीजनखाना' के जाने-माने कारीगर कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे जयगढ़ फोर्ट के पर्यटन स्थल के रूप में 40 गौरवशाली वर्ष पूरे होने का जश्न मनाएगा 'जयगढ़ फेस्टिवल'

The Jaigarh Festival: 9 और 10 दिसंबर को पहली बार 'द जयगढ़ फेस्टिवल'

Ananya soch: The Jaigarh Festival

अनन्य सोच, जयपुर। The Jaigarh Festival: अरावली पहाड़ियों के बीच बसा जयगढ़ फोर्ट, एक पर्यटन स्थल के रूप में जनता के लिए खोले जाने के 4 शानदार दशकों का जश्न मनाने के लिए 9 और 10 दिसंबर को पहली बार 'द जयगढ़ फेस्टिवल' का आयोजन करने जा रहा है. यह अपनी तरह का ऐसा पहला और अनुठा फेस्टिवल होगा, जो कि राजस्थान की विरासत, कला और शिल्प के संरक्षण और प्रोत्साहन देने पर आधारित है. जयगढ़ पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संरक्षित इस अनमोल धरोहर, अर्थात् जयगढ़ फोर्ट, का उद्घाटन स्वर्गीय ब्रिगेडियर एचएच महाराजा सवाई भवानी सिंह, जयपुर, एमवीसी ने 1983 में किया था.

फेस्टिवल के बारे में बात करते हुए, जयपुर के एचएच महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने कहा, “जयगढ़ ने सदियों की वीरता और सांस्कृतिक समृद्धि देखी है, और इस विरासत को साझा करना और उसके वैभव का उत्सव मनाना हमारी जिम्मेदारी है. यह फेस्टिवल हमारी पहचान को परिभाषित करने वाली विरासत, कला और शिल्प को प्रदर्शित करने और विविध दर्शकों के साथ जुड़ने का एक मंच है. 

'द जयगढ़ फेस्टिवल' का एक मुख्य आकर्षण हेरिटेज आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स मास्टरक्लास वर्कशॉप्स हैं, जहां शाही 'गुणीजनखाना' के प्रसिद्ध कारीगर राजस्थान की जटिल विरासत कला और शिल्प का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न कार्यशालाएं का आयोजन करेंगे. इसमें लोक प्रस्तुतियां और 'पॉप-अप्स' भी होंगे, जो राजस्थान की जीवंत संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे, जिससे राज्य की कलात्मक परंपराओं की झलक मिलेगी. फेस्टिवल में विशेष रूप से क्यूरेटेड फोर्ट वॉक आगंतुकों को जयगढ़ के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करेगी. फेस्टिवल में इतिहास, कला, वास्तुकला और अन्य विरासत विषयों पर विशेषज्ञ द्वारा पैनल चर्चा और वार्ता भी आयोजित होंगी. इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और शिल्प-आधारित उत्पादों के साथ एक फेस्टिवल बाजार भी लगेंगे. 

फेस्टिवल के पहले दिन, 9 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे राज परिवार के सदस्य द्वारा दीप प्रज्ज्वलन किया जाएगा. इसके पश्चात, कला एवं शिल्प कार्यशालाएं व 'डेमोस्ट्रेशन', टॉक शो, फोर्ट वॉक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता सुरुचि शर्मा की फिल्म 'मीन राग' की स्क्रीनिंग होगी.

वहीं फेस्टिवल के दूसरे दिन, 10 दिसंबर को समापन समारोह आयोजित होगा, जिसमें शास्त्रीय, लोक प्रस्तुतियां का प्रदर्शन और कार्यशाला के प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा. इसके पश्चात दिन में एक कला प्रदर्शनी और फेस्टिवल बाज़ार का भी आयोजन होगा. 

फेस्टिवल में स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्र, शिक्षाविद, कलाकार, कला प्रेमी, संगीत प्रेमी, इतिहास प्रेमी, वास्तुकला प्रेमी, शॉपर्स, संस्कृतिकर्मी और विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति भाग लेंगे। सेना, सरकार, वायु सेना आदि संबद्ध संगठनों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल है.