मंच पर उजागर हुआ बुढ़ापे का दंश

मंच पर उजागर हुआ बुढ़ापे का दंश

Ananya soch

अनन्य सोच। टैगोर थिएटर योजना के अंतर्गत रवींद्र मंच पर निर्देशक महेश महावर के द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक दंश...एक दर्दनाक चुभन का मंचन किया गया. इस कथानक में एक वृद्ध दम्पत्ति को अपने ही बेटो द्वारा अपने ही घर से यह कहते हुए वृद्धाश्रम भेज दिया जाता है कि घर पुराना हो गया है. इसके नवीनीकरण के पश्चात वो उन्हें वृद्धाश्रम से घर ले आएंगे। इसी आश्वासन के साथ वृद्ध दम्पत्ति अपने बेटों की राह देखते है. परंतु उन्हें वहाँ से ले जाने के लिए कोई नही आता है. दिन बीतते- बीतते वर्षो बीत जाते है. परंतु दम्पत्ति की कोई सुध नही लेता. अंततः अपने बेटो की राह देखते-देखते वृद्धा की आंखे पथरा जाती है और वृद्धा का स्वर्गवास हो जाता है. तेज़ी से भाग रही आज की पीढ़ी जो कि समाज के नियमो, संस्कारो, और अपने प्रति माता-पिता द्वारा किये गए त्याग को दर-किनार करते है. माता-पिता के प्रति अपने फ़र्ज़ से मुंह मोड़ लेते है. ऐसी पीढ़ी को संस्कार रूपी आईना दिखाता विचारोत्तेजक नाटक है .

इन्होंने निभाया अहम किरदार

नाटक में महेश महावर, ज्योत्स्ना कौशिक, स्वराला किरार, विपिन अटल, कुशाल राही, उमेश गुर्जर, निकिता सैनी, उमेश शर्मा आदि कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया. 

पवन शर्मा द्वारा बेहद प्रभावी मंच सज्जा की गई, मंच संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी के.के. कोहली, उम्दा प्रकाश संचालन शहजोर अली, रूप सज्जा नरेन्द्र सिंह बबल एवं संगीत संचालन प्रताप सिंह राजावत ने किया.