Jaipur Dance Conclave 2025: विविध नृत्य प्रस्तुतियों, चर्चाओं और कार्यशालाओं ने मोहा दर्शकों का मन
जयपुर डांस कॉन्क्लेव 2025 का हुआ प्रेरक समापन
Ananya soch: Jaipur Dance Conclave 2025
अनन्य सोच। राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित दो दिवसीय जयपुर डांस कॉन्क्लेव (जेडीसी) का पहला संस्करण कला, दर्शन और नृत्य-परंपराओं के अनोखे संगम के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ. आर्टस्पॉट्स की पहल पर पर्यटन विभाग, राजीविका और राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के सहयोग से आयोजित इस कॉन्क्लेव ने देशभर के कलाकारों और दर्शकों को भारतीय नृत्य की समृद्ध विरासत से रूबरू कराया.
दूसरे दिन की शुरुआत पैनल चर्चा “द वे फ़ॉरवर्ड – न्यू डायरेक्शन्स इन कोरियोग्राफी एंड डांस पेडागॉजी” से हुई, जिसमें पद्मश्री लीला सैमसन, माधवी मुद्गल और प्रेरणा श्रीमाली ने नृत्य शिक्षा, अनुशासन और कलात्मक गहराई पर अपने विचार साझा किए. कला इतिहासकार दीप्ति शशिधरन ने सत्र का प्रभावी संचालन किया.
इसके बाद प्रस्तुत हुआ लेखक अरुंधति सुब्रहमण्यम की पुस्तक “वाईल्ड वुमेन” पर केंद्रित एक बहुआयामी सत्र, जिसमें सुधा रघुरमन और दक्षिणा वैद्यनाथन ने कविताओं को संगीत और नृत्य के माध्यम से जीवंत किया.
बच्चों के लिए भरतनाट्यम कलाकार प्राची साथी द्वारा संचालित रचनात्मक वर्कशॉप “व्हेन वॉल्स डांस” भी विशेष आकर्षण का केंद्र रही, जिसमें नृत्य, दृश्य-कला और स्टोरीटेलिंग का अनूठा संगम प्रस्तुत हुआ.
राजस्थान की लोक-संस्कृति पर विनोद जोशी और कथक नृत्यांगना गौरी दिवाकर के बीच संवाद ने कालबेलिया समेत प्रदेश की सांस्कृतिक परंपराओं की गहराई को नए दृष्टिकोण से सामने रखा.
शाम को जयपुर कथक केंद्र की प्रस्तुति “नृत्य तरंग”, दिव्या वारियर और अक्षय गांधी का “मंथन” तथा अंत में ओडिसी प्रस्तुति “विस्तार” ने दर्शकों को भारतीय नृत्य की विविधता और सौंदर्य का मंत्रमुग्ध अनुभव प्रदान किया. जयपुर डांस कॉन्क्लेव का यह संस्करण भारतीय नृत्य-जगत में संवाद, नवाचार और परंपरा के बीच एक सार्थक सेतु के रूप में सफल रहा।