रंगमंच पर शब्दों से कलाकार बनाता है राजमहल
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हुई नाट्य प्रोग्राम की शुरुआत
Ananya soch:
अनन्य सोच, जयपुर। प्रदेश के आर्ट एंड कल्चर की नई पहचान राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में बॉलीवुड की उपस्थिति दर्ज होने लगी है. यहां शुरू हुए नाटकों में रंगमंच की बारीकियां कलाकारों ने पेश की तो बॉलीवुड वर्सेटाइल एक्टर अमोल पालेकर ने रंगमंच पर चर्चा की. उन्होंने अपनी जर्नी भी इस सेंटर में बयां करते हुए थिएटर को खास बताया.
शब्दों से बनाते हैं राजमहल:
पालेकर ने कहा, कि रंगमंच की दुनिया वो दुनिया है, जहां इमेनिजेशन की बडी भूमिका है. यह फिल्म से अलग है. रंगमंच अपनी इमेज को शब्दों से उभार देता है. यहां बड़े-बड़े सेट यानी राजमहल बनाने की जरूरत नहीं होती है. शब्दों से ही कलाकार राजमहल सजा देता है. रंगमंच तकनीक से भी आगे की चीज है. लाइव परफॉर्मेंस देखेन में आनंद आता है.
थिएटर हर दिन नई ऊर्जा देता है. ये हमेशा चलते रहना चाहिए. इसमें तकनीक को ज्यादा नहीं लाना चाहिए. इस मौके पर उन्होंने अपने रंगमंच के दिनों को याद किया और बताया, किस तरह वे एटर में आए. वे आनंद वर्धन के साथ चर्चा कर रहे थे. कार्यक्रम संयोजक दोलत वेध ने बताया, राम गोपाल बजाज का निर्देशित नाटक लैला-मजनू की परफॉर्मेंस खास रही, जिसमें कलाकारों ने मंच पर जीवंत आर्ट को पेश किया.
गौरतलब है वीकेंड थिएटर की शुरुआत में 7-9 जुलाई तक यहां राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली रंगमण्डल की तीन नाट्य प्रस्तुतियों का मंचन किया जाएगा.
अब शनिवार को शाम 7 बजे अजय कुमार द्वारा निर्देशित नाटक माई री कासे कंहू का मंचन होगा. नाटक के बाद प्रतिदिन अमोल पालेकर दर्शकों से रूबरू होंगे. 9 जुलाई को नाट्य निर्देशक भानु भारती और राघवेंद्र रावत स्वर्गीय मोहन महर्षि राजस्थान के आधुनिक रंगमंच के प्रणेता के व्यक्तित्व व रंगमंच पर चर्चा करेंगें.