आईसीए आर्ट गैलरी में आयोजित हुई 'एकॉज ऑफ़ येलो' आर्ट एग्जीबिशन शुरू

महीने भर चलने वाली आर्ट एग्जीबिशन में 11 आर्टिस्ट्स के 21 आर्टवर्कस डिस्प्ले  फिग्युरेटिव, लैंडस्केप और माइथोलॉजी स्टाइल में प्रस्तुत किए मानव भाव 

आईसीए आर्ट गैलरी में आयोजित हुई 'एकॉज ऑफ़ येलो' आर्ट एग्जीबिशन शुरू

 Ananya soch

अनन्य सोच। देशभर से आए 11 आर्टिस्ट्स ने मन के आकार, अनुभव और भावनाओं को कैनवास पर उकेरा। मौका था शहर की आमेर रोड स्थित आईसीए आर्ट गैलरी में आयोजित हुई 'एकॉज ऑफ़ येलो' आर्ट एग्जीबिशन के आयोजन का. आर्ट प्रदर्शनी में भारत के 11 चयनित आर्टिस्ट्स ने अपना चुनिंदा आर्टवर्क प्रस्तुत किया जिसमें चेन्नई से के. मुरलीधरन, रांची से सी.आर हेम्ब्रम, भोपाल से कुसुमलता शर्मा, दिल्ली से किशोर कुमार साहू, आगरा से कृति के.सी सक्सेना, चंडीगढ़ से मदन लाल, ओड़िसा से मानष रंजन जेना, पुणे से रामचंद्र खरतमल, हर्षादा कोलापकर, सोमनाथ बोथे और मुंबई से नागेश घोड़के शामिल रहे. इन सभी आर्टिस्ट्स की सामूहिक 21 कलाकृतियों को डिस्प्ले किया गया जिसमें ऐक्रेलिक रंगों से कैनवास पर फिग्युरेटिव, लैंडस्केप और माइथोलॉजी स्टाइल खास रही. हेम राना द्वारा क्यूरेटेड इस महीने भर चलने वाली प्रदर्शनी का समापन 18 फरवरी को होगा.

इस एग्जीबिशन से जुडी जानकारी देते हुए आईसीए आर्ट गैलरी से अभिनव बंसल ने बताया कि 2024 में आईसीए गैलरी द्वारा लगभग 9 आर्ट रेजीडेंसी आयोजित की गई जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से आर्टिस्ट्स को एक साथ लाया गया. इन सभी 50 आर्टिस्ट्स में से चुने गए इन विशेष 11 आर्टिस्ट्स को 'एकॉज ऑफ़ येलो' ग्रुप एग्जीबिशन में अपने कैनवास पर भारत की कलात्मक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य की समृद्ध कारीगिरी को उजागर कर रहे है.

मिटटी के घर, बचपन और श्रिष्टि का मेल झलका कैनवास पर - 

मुंबई से आए आर्टिस्ट नागेश गौड़के महाराष्ट्र की धरोहर से काफी प्रभावित रहे है। ऐसे में उन्होंने एग्जीबिशन में महाराष्ट्रियन आर्किटेक्चर से प्रेरित 'विलेज एस्केप' थीम पर ऐक्रेलिक ऑन कैनवास माध्यम में कलाकृतियां तैयार की. जहां मिटटी के घर, ढलान वाली छत, और ज़मीनी रंगों से उन्होंने अपनी पेंटिंग्स में महाराष्ट्र को उतारने की कोशिश की. उन्होंने बताया कि राजस्थान के आर्किटेक्चर से मैं हमेशा काफी प्रभावित रहा हूं। इस वर्कशॉप के दौरान मुझे नाहरगढ़, आमेर और हवा महल देखने का मौका मिला, अब मैं इस शानदार धरोहर को अपने कैनवास पर पेंट करने को उत्सुक हूं. आगरा की आर्टिस्ट कृति सक्सेना ने बताया कि एक्रेलिक के मीडियम से कलाकृतियां तैयार की. जिन में आप मनुष्य भावनाओं व मनोविकारों को कैनवास पर जीवित देखेंगे, पेंटिंग्स में बचपन और यौवन दर्शाया है. जिसमें युवती का बचपन में भाव और एक युवती के जीवन में यौवन की दस्तक के बाद उसके जीवन में बदलावों को मैंने कैनवास पर उकेरा है.


भोपाल से आर्टिस्ट कुसुम लता ने प्रतीकात्मक और अमूर्त शैलियों के फ्यूज़न के साथ अपनी कलाकृति प्रस्तुत की. उनके द्वारा तैयार की गई पेंटिंग्स में उन्होंने मनुष्य, जीवन और श्रिष्टि के आपसी ताल-मेल और अनदेखे धागों को प्रदर्शित किया.