Public Library Day: राधाकृष्णन पुस्तकालय में सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस मनाया गया

Ananya soch: Public Library Day
अनन्य सोच। गांधी नगर , जयपुर स्थित डॉ राधाकृष्णन राज्य केन्द्रीय पुस्तकालय में आज राजा राममोहन रॉय की 253वीं जयंती “सार्वजनिक पुस्तकालय दिवस” के रूप में मनाई गई. इस अवसर पर मुख्य व्यक्त साहित्यकार हरीराम मीणा ने कहा कि राजा राम मोहन राय के समय की कुछ कुरीतियाँ, जैसे सती प्रथा, लगभग समाप्त हो चुकी हैं, और अन्य जैसे बाल विवाह और जाति व्यवस्था का प्रभाव कम हुआ है. हालांकि, ये समस्याएँ पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और कुछ क्षेत्रों में आज भी मौजूद हैं. इसके साथ ही, आधुनिक समाज में नई कुप्रथाएँ और समस्याएँ, जैसे दहेज प्रथा, लैंगिक भेदभाव, और साइबर अपराध, उभरी हैं। इनका समाधान करने के लिए निरंतर जागरूकता, शिक्षा, और कानूनी सुधारों की आवश्यकता है. राजा राम मोहन राय की तरह आज भी समाज सुधारकों और नीति निर्माताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है ताकि इन बुराइयों को जड़ से खत्म किया जा सके.
इस अवसर पर भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के निदेशक डॉ राकेश कुमार शर्मा ने पुस्तकालय के पाठक सदस्यों से मेहनत व ईमानदारी से अपना लक्ष्य प्राप्त करने की सलाह देते हुए कहा कि अपने जीवन का एक-एक क्षण बेहद मूल्यवान है अतः उसे व्यर्थ की बातों और निरर्थक कार्यों में जाया न करें. उनका कहना था कि सूचना और ज्ञान के बीच के बारीक भेद को समझते हुए ज्ञानवान बनने की दिशा में आगे बढ़े. विभाग की उपनिदेशक डॉ रेणुका राठोड ने सभी अतिथियों का स्वागत किया.