तीन दिवसीय वूमन आर्ट ऑरा का पांचवा सीजन शुरू

55 महिला कलाकारों ने कैनवास पर वीरांगनाओं के चित्रों को दिया मूर्तरूप एक छत के नीचे 55 महिला कलाकारों ने पेंटिंग बनाकर वीरांगनाओं को दी श्रद्धांजलि पेंटिंग के माध्यम से जीवंत हुई महान वीरांगनाओं की अमर कथाएं  महिला कलाकारों ने 70 कला कृतियों का किया प्रदर्शन

तीन दिवसीय वूमन आर्ट ऑरा का पांचवा सीजन शुरू

अनन्य सोच, जयपुर। आर्ट ट्यून, विनीता आर्ट व सृजन आर्ट प्रमोशनल सोसाइटी की और से रविंद्र मंच पर शुक्रवार से शुरु हुए तीन दिवसीय वूमन आर्ट ऑरा के पांचवे सीजन के पहले दिन महिला पेंटिंग कलाकारों ने वीरांगनाओं पर आधारित पेंटिंग बनाकर उनकी जीवनी को मूर्त रूप देकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। रविंद्र मंच पर शुक्रवार  सुबह 11 बजे से शुरु हुए रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम में सभी महिलाओ ने अपनी कला यात्रा कों उचाईयों कों छूने के प्रतीक के रूप मे रंग बिरंगे बैलून आसमान मे छोड़ते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। विनिता आर्ट्स की विनिता ने बताया कि देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों तक की आहूति देने वाली वीरांगनाओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने का पेंटिंग एक बेहतरीन माध्यम है जहां एक छत के नीचे 55 महिला कलाकारो ने कैनवास पर पन्नाधाय, पद्मिनी देवी,हाड़ी रानी(सहल कंवर), मीरा बाई, कमलावती (कर्णावती राजस्थान का दूसरा जोहर), कृष्णाकुमारी (मेवाड कि राजकुमारी), सुजा क़वर राजपुरोहित (राजस्थान कि लक्ष्मीबाई), राजकुमारी रत्नावती (जैसलमेर), वीर बाला चम्पा जैसी अमर वीरांगनाओं की लाइव पेंटिंग बनाई और महिला कलाकारों की 70 पेंटिंग भी  डिस्प्ले की गई।

आर्टिस्ट वीरांगनाओं की पेंटिंग में रंग भरकर उनकी अमर कथाओं को जीवंत करने की कोशिश कर रहे हैं। विनिता ने आगे बताया कि हमारा मानना है कि यह आयोजन तभी सफल होगा जब हमारी युवा और महिला पीढ़ी इन वीरांगनाओंं को अपने जीवन का आदर्श माने और इस बात को बखूबी समझें कि वीरांगनाओं की तरह वह भी वक्त आने पर अपने देश, धर्म और अपनी आबरू की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर करने का दंभ रखती हैं। कार्यक्रम में अगले दो दिनों तक महिला कलाकार लाइव पेंटिंग, पेंटिंग डिस्प्ले के माध्यम से अपनी कला का उत्कृष्ठ प्रदर्शन करेंगी।