book Mandalas of Time: अशोक क्लब में मालाश्री लाल की पुस्तक 'मंडलास ऑफ टाईम' का विमोचन

book Mandalas of Time: प्रकृति, मिथक, कोविड के मुश्किल समय पर लिखी कविताओं पर डाला प्रकाश "रचनात्मक लेखन से 'सेल्फ हील' करने की शक्ति मिलती है"– लेखिका मालाश्री लाल

book Mandalas of Time: अशोक क्लब में मालाश्री लाल की पुस्तक 'मंडलास ऑफ टाईम' का विमोचन

 Ananya soch: book Mandalas of Time

अनन्य सोच। book Mandalas of Time: ये कविताएं कोविड के दौरान खालीपन का परिणाम थीं। सभी अन्य लेखकों की तरह, यह मेरे लिए भी चिंतन का दौर था. यह उन चीजों को करने का भी दौर था जो हम आमतौर पर नहीं करते हैं. यह बात लेखिका मालाश्री लाल ने जयपुर के अशोक क्लब (Ashok Club) में अपनी पुस्तक 'मंडलास ऑफ टाईम' (Mandalas of Time) के विमोचन के दौरान कही. वह कवि और पब्लिसिस्ट जगदीप सिंह के साथ चर्चा कर रही थीं.

मालाश्री लाल, जो कि अब तक 17 किताबें लिख चुकी हैं, ने अपना पहला कविता संग्रह - 'मंडलास ऑफ टाईम' पुस्तक का विमोचन किया. पुस्तक के शीर्षक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'मंडला' मेरे लिए सिर्फ धार्मिक प्रतीक नहीं हैं, बल्कि 'स्पार्क्स ऑफ एनर्जी' भी है. उन्होंने कहा, समय के अलग-अलग क्षण हैं, जिन्हें उन्होंने इस संग्रह में एकत्रित किया है, लेकिन यह मेरे और मैं जो अनुभव करती हूं उसके ईर्द गिर्द घूमती हैं. 

सेशन के दौरान, उन्होंने पुस्तक से - 'द वूमन माइग्रेंट वर्कर', 'बोगेनविलिया', 'मंथरा दासी', 'राधा'ज डिलेमा', और 'हिबिस्कस एंड द ओल्ड चंपा' आदि कुछ कविताएं पढ़कर भी सुनाईं. 

'पोएटिक लाइसेंस' के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को दूसरे लोगों के विचारों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए. पोएटिक लाइसेंस तब काम करता है जब आप विचारों और कल्पना पर आधारित कुछ लिख रहे होते हैं. इन दिनों काल्पनिक दुनियाओं के आसपास बहुत सारी कविताएं लिखी जा रही हैं.

बुक सेशन का प्रश्न उत्तर और बुक साइनिंग के साथ संपन्न हुआ. इससे पहले पुस्तक का विमोचन मालाश्री लाल, सुधीर माथुर, अजय सिंघा और जगदीप सिंह द्वारा किया गया.