Three-day Musical Symphony programme: दृष्टिबाधित कलाकारों ने फैलाई सकारात्मकता की रोशनी

कार्यक्रम में कला, साहित्य, संस्कृति, पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने उपस्थित रहकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया. कार्यक्रम में जेकेके की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका राठौड़, वरिष्ठ लेखाधिकारी बिंदु भोभरिया, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में कला प्रेमी मौजूद रहे. 

Three-day Musical Symphony programme: दृष्टिबाधित कलाकारों ने फैलाई सकारात्मकता की रोशनी

 Ananya soch: Three-day Musical Symphony programme

अनन्य सोच। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) में तीन दिवसीय ‘म्यूज़िकल सिम्फनी’ कार्यक्रम का मंगलवार को भावनात्मक समापन हुआ. समापन दिवस पर मंच उन विशेष कलाकारों के नाम रहा जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपनी प्रतिभा और जज़्बे से यह संदेश दिया कि संगीत ही वह रोशनी है जो हर अंधकार को मिटा सकती है. गुजरात, पंजाब और अरुणाचल प्रदेश से आए इन दस दृष्टिबाधित कलाकारों के तीन बैंड्स ने अपनी अनोखी हारमोनी प्रस्तुति से श्रोताओं के दिलों को गहराई तक छू लिया. 

कार्यक्रम की शुरुआत गुजरात से आए कलाकारों ने लता मंगेशकर के कालजयी गीतों से की। अंकिता चौहान और राजेश ठाकुर ने ‘नैनों में बदरा छाए’ और ‘आज मौसम बड़ा बेईमान है’ गीतों से समां बाँध दिया। भक्तिमय रंग में रंगी ‘राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे’ भजन प्रस्तुति ने माहौल को आध्यात्मिक बना दिया. इसके बाद राजस्थानी गीतों के सुरमय मैशअप ने दर्शकों को राजस्थान की लोकसंस्कृति के रंग में डुबो दिया. तबले पर संजय जाधव और ऑक्टोपैड पर सुजीत परमार की संगत ने संगीत की मधुरता को और निखारा. 

इसके बाद चंडीगढ़ से आए कलाकारों ने ‘मैं तैनूं समझावां की’ गीत से शुरुआत कर दर्शकों की वाहवाही लूटी. कलाकार मंगलेश कुमार ने वोकल के साथ की-बोर्ड और ढोलक पर अपनी दक्षता दिखाई, जबकि रोमी कुमार ने बांसुरी वादन और गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ‘दो दिल मिल रहे हैं’, ‘लंबी जुदाई’, ‘माहियां वे’ और ‘छल्ला’ जैसे गीतों ने पंजाबी संगीत की आत्मा को मंच पर जीवंत कर दिया. 

कार्यक्रम का समापन अरुणाचल प्रदेश के लेट नाइट मेलोडीज बैंड की प्रस्तुति से हुआ. कलाकार न्योन्योक तलोम ने ‘जा जिन जा’ लोकगीत से पूर्वोत्तर की मिठास बिखेरी। इसके बाद ‘चौधरी’ गीत और जुबीन गर्ग को समर्पित ‘जाने क्या चाहे मन’, ‘फिर दिल क्या करे’ जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी. कुनाल देव ने रैपिंग, विक्रम धमाई ने क्लैप बॉक्स और प्रीतम ने की-बोर्ड पर शानदार संगत दी.