अनन्य सोच, जयपुर। कला, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सहयोग से अनुपम रंग थिएटर सोसाइटी द्वारा "परख अनुपम " के अंतर्गत 45 दिवसीय नाट्य कार्यशाला में महिला सशक्तिकरण विषय पर आधारित तैयार नाटक राजस्थानी हास्य व्यंग नाटक " लाडो री सीख " का मंचन किया गया I के.के. कोहली के निर्देशन में तैयार नाटक के माध्यम से आमजन को संदेश दिया गया कि समाज मे बेटों को खुली छूट दी जाती है और बेटियों पर पाबंधी लगाई जाती है, बेटियों को कमजोर समझा जाता है, इस तरह के भेदभाव के कारण ही बेटियों का मनोबल गिरता है जबकि वे किसी से कम नहीं है, सिर्फ उन्हें एक अवसर प्रदान करने की ज़रूरत हैं। नाटक की मुख्य पात्र रानी एक गरीब बाप की लड़की है और रानी का पिता एक मंडी में मजदूरी करता है I वह अपनी बिटिया को शिक्षित बनाने के लिए अपनी हैसियत के हिसाब से सब कुछ करता है और एक दिन रानी अपने पिता के सपनो को पूरा करती है I दूसरी ओर सेठ लालाराम का लड़का लल्लू है जो पढ़ाई का सिर्फ दिखावा करता है, मौज मस्ती, चौरी चकारी करता है और परीक्षा में फेल हो जाता है जबकि गरीब बाप की बेटी रानी पूरी कॉलेज में टॉप करती है I इस प्रकार नाटक लाडो री सीख के माध्यम से आमजन में सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया गया कि समाज को बेटे और बेटियों के बीच कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए I नाटक का सह निर्देशन रमन पारीक, का पार्श्व संगीत अतुल श्रीवास्तव ने किया तथा कार्यक्रम संयोजक मरगूब अहमद पटेल, प्रकाश परिकल्पना शहज़ोर अली,एवं मंच संचालन हिमांशु झाँकल ने किया I नाटक में महेश महावर, मीना गीदवानी, भगवती, ऋतू सैनी, जाग्रति महावर, ऋषभ गौतम, विनोद कुमार परीदवाल, दुर्गाप्रसाद मंडावरा, कैलाश विजय, हसीब खान, विक्रम भगत,ऋषभ सिंह आदि कलाकारों ने सशक्त अभिनय किया I